शब्द के कितने भेद होते हैं: Shabd Ke Kitne Bhed Hote Hain

शब्द के कितने भेद होते हैं: दोस्तों यदि आप भी जानना चाहते हैं कि शब्द किसे कहते हैं (Shabd Kise Kahate Hain), और शब्द के कितने भेद होते हैं (Shabd Ke Kitne Bhed Hote Hain) तो यह लेख पढ़ने के बाद आप लोगों को पता चल जायेगा, अतः अंत तक पढ़े.

शब्द के कितने भेद होते हैं: Shabd Ke Kitne Bhed Hote Hain
शब्द के कितने भेद होते हैं: Shabd Ke Kitne Bhed Hote Hain
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शब्द किसे कहते हैं (Shabd Kise Kahate Hain)

एक या एक से अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि ही शब्द कहलाती है। जैसे- एक वर्ण से निर्मित शब्द- न (नहीं) व (और) अनेक वर्णों से निर्मित शब्द- गमला, भारत, फूल, जंगल, भगवान, मोहन, पानी, बादल आदि|

भारतीय संस्कृति में शब्द को ब्रह्म कहा गया है। सार्थक शब्दों को मिलाकर एक वाक्य बनता है|

परिभाषा की दृष्टि से शब्द अलग-अलग प्रकार के होते है जिन्हें शब्दों के भेद कहा जाता है| शब्द के भेद के अनुसार ही शब्द के बारे में ज्ञान होता है इसलिये शब्द के कितने भेद होते हैं (Shabd Ke Kitne Bhed Hote Hain) यह भी जानना आवश्यक है.

शब्द के कितने भेद होते हैं (Shabd Ke Kitne Bhed Hote Hain)

परिभाषा के अनुसार तो शब्द अलग अलग प्रकार के होते है लेकिन शब्दों की परिभाषा शब्द के अर्थ, शब्द की रचना, शब्दों के इतिहास, विभिन्न भाषा में शब्दों के प्रयोग और शब्दों के व्याकरण में प्रयोग आदि के आधार पर शब्द की परिभाषा भी अलग-अलग होती है सभी भाषा में शब्दों के परिभाषा अलग होती है|

इसलिये अलग-अलग भाषा के आधार पर यह कहना तो कठिन होता है की शब्द के कितने भेद है इसलिये यहाँ हम हिन्दी भाषा की बात कर रहे है तो हिन्दी भाषा के अनुसार ही शब्दों के भेद और परिभाषा बता रहे है|

तो चलिये बात करते है शब्दों के विभिन्न भेदों के बारे में-

वैसे तो हमने शब्द के सभी भेदों के बारे में स्पष्ट जानकारी दी है जो आप अभी पड़ेंगे| शब्द के भेदों को निम्नलिखित प्रकार से विभाजित किया गया है|

  • प्रकार के आधार पर शब्दों के भेद
  • अर्थ के आधार पर शब्द के भेद
  • व्युत्पत्ति एवं रचना के आधार पर शब्द के भेद
  • उत्पत्ति के आधार पर शब्द के भेद
  • प्रयोग के आधार पर शब्द के भेद

1. प्रकार के आधार पर शब्द के कितने भेद होते हैं?

प्रकार के आधार पर शब्द के 2 भेद होते है|

  • सार्थक शब्द
  • निरर्थक शब्द

1. सार्थक शब्द

उन शब्दों को सार्थक शब्द कहा जाता है जिनका कोई निश्चित अर्थ होता है। आसान शब्दों में जिन शब्दों का कोई मतलब होता है वही शब्द सार्थक शब्द कहलाते हैं। सार्थक शब्दों से किसी वस्तु, विषय  या अन्य किसी भी चीज के बारे में भी पता चलता है। इसके बाद सार्थक शब्दों के भी अपने उप भेद होते हैं। उदाहरण में गाय, बकरी, चलना, मारना, क्रिकेट इत्यादि समेत कोई भी शब्द जिसका मतलब हो।

2. निरर्थक शब्द

उन शब्दों को निरर्थक शब्द कहा जाता है जिनका वास्तविकता में अपना कोई अर्थ नहीं होता है। निरर्थक शब्द वाक्य में प्रयोग तो किए जाते हैं, वाक्य में इनका प्रयोग समझ में भी आता है लेकिन इनका अपना कोई अर्थ नहीं होता, यह किसी अर्थ का बोध नहीं कराते हैं। यानी जिन शब्दों का अर्थ ना हो वह निरर्थक शब्द होते हैं इनका इस्तेमाल सार्थक शब्दों के साथ किया जाता है। उदाहरण में मीठा-विठा, पानी- वानी इत्यादि इनमें विठा और वानी का कोई अर्थ नहीं है।

2. अर्थ के आधार पर शब्द के कितने भेद होते हैं?

अर्थ के आधार पर शब्द के मुख्यतः 6 भेद होते है:

  • पर्यायवाची या समानार्थी
  • विलोम या विपरातार्थक शब्द
  • समरूप भिन्नार्थक या श्रुतिसम भिन्नार्थक
  • अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
  • अनेकार्थी शब्द
  • एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द

1. पर्यायवाची या समानार्थी शब्द

जब अलग-अलग शब्दों का मतलब एक ही होता है तब वे पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं। उदाहरण में आग – अग्नि, पावक।  पानी – जल, नीर इत्यादि।

2. विलोम या विपरातार्थक शब्द

उल्टा अर्थ देने वाले शब्दों को विलोम या विपरीत शब्द कहा जाता है उदाहरण के लिए दिन का रात, अच्छा का  बुरा इत्यादि।

3. समरूप भिन्नार्थक या श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द

ऐसे शब्द जो सामान सुनाई देते हैं परंतु उनका मतलब अलग-अलग होता है।  उदाहरण के लिए मेल और मैल, बेल और बैल इत्यादि।

4. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

जब एक शब्द से किसी पूरे वाक्य या  कई शब्दों को मिलाकर का मतलब पता चले। उदाहरण के लिए जिसके माता-पिता ना हो – अनाथ, जो खंडित नहीं होता है – अखंड।

5. अनेकार्थी शब्द

जिस शब्द का एक से अधिक अर्थ होता है वह अनेकार्थी शब्द होते हैं, परिस्थितियों के अनुसार उनका अर्थ पता चलता है। उदाहरण के लिए शेर जिसका मतलब एक जानवर या शायरी भी होता है, हार का मतलब  पराजय या पहनने वाला हार भी होता है।

6. एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द

जिन का अर्थ अलग अलग होता है लेकिन उन्हें बोलने या लिखने पर एक दूसरे के पर्यायवाची प्रतीत होते हैं। उदाहरण के लिए पाप और अपराध, गलत और गैर कानूनी।

3. व्युत्पत्ति एवं रचना के आधार पर शब्द के कितने भेद होते हैं?

रचना के आधार पर शब्द के तीन भेद होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं –

  • रूढ़ शब्द
  • यौगिक शब्द
  • योगरूढ़ शब्द

1. रूढ़ शब्द

जो शब्द अन्य किसी शब्द से मिलकर ना बने हो एवं खुद में पूर्ण हो रूढ़ शब्द कहलाते हैं यह शब्द किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं तथा इन्हें और तोड़ा नहीं जा सकता है। उदाहरण में दिन, रात, अग्नि, शेर, आग, कुत्ता आदि।

2. योगिक शब्द

दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों से मिलकर बनने वाले शब्द योगिक शब्द कहलाते हैं, इसके नाम में ही योगिक है जिसका मतलब है जुड़कर बनना। जैसे –

  • भोजन+ आलय= भोजनालय
  • राज+कुमारी = राजकुमारी

3. योगरूढ़ शब्द

इन शब्दों का अर्थ सामान्य ना होकर किसी व्यक्ति विशेष के लिए होता है यह दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बनते हैं। उदाहरण में,

  • लम्बोदर = लम्बा+उदर लंबोदर विशेष तौर पर बड़े पेट वाले गणेश जी के लिए ही इस्तेमाल होता है।
  • दशानन = दस+आनन, लंकापति रावण को ही दशानन कह कर संबोधित किया जाता है।

4. उत्पत्ति के आधार पर शब्द के कितने भेद होते हैं?

उत्पत्ति के आधार शब्दों के भेद निम्नलिखित है-

  • तत्सम शब्द
  • तद्भव शब्द
  • देशज शब्द
  • विदेशज शब्द

1. तत्सम शब्द

संस्कृत में इस्तेमाल होने वाले वे शब्द बिल्कुल उसी तरह हिंदी में ले लिए गए हैं तथा उपयोग किए जाते हैं तत्सम शब्द कहलाते हैं। हिंदी में संस्कृत के इन शब्दों को बिल्कुल भी नहीं बदला जाता है। उदाहरण में अग्नि, क्षेत्र, वायु,पृथ्वी, रात्रि आदि।

2. तद्भव शब्द

संस्कृत के वे शब्द जिन्हें हिंदी में लिया गया है परंतु उनका रूप बदल दिया गया है, तद्भव शब्द कहलाते हैं। तत्सम शब्दों का हिंदी में परिवर्तित रूप तद्भव शब्द होता है। उदाहरण में अग्नि का आग, सूर्य का सूरज, रात्रि का रात इत्यादि।

3. देशज शब्द

क्षेत्रीय तथा स्थानीय भाषाओं से हिंदी भाषा में प्रचलित हो चुके शब्द देशज शब्द कहलाते हैं। उदाहरण में पेट, रोड़ा, बैंगन, पगड़ी, गाड़ी, थैला, आदी।

4. विदेशज शब्द

विदेशी भाषाओं के वे शब्द जो हिंदी भाषा में आए हैं एवं उनका अधिक उपयोग होने लगा है विदेशज शब्द कहलाते हैं। कॉलेज, पेंसिल, रेडियो, स्टेशन इत्यादि।

5. प्रयोग के आधार पर शब्द के कितने भेद होते हैं?

प्रयोग के आधार पर शब्द के 2 भेद होते है|

  • विकारी शब्द
  • अविकारी शब्द

1. विकारी शब्द

जो शब्द समय स्थिति और संख्या के अनुसार बदल जाते हैं वह विकारी शब्द कहलाते हैं। उदाहरण में कुत्ता का कुत्ते , कुत्तों।

2. अविकारी शब्द

जो शब्द समय स्थिति और संख्या के अनुसार नहीं बदलते हैं अविकारी शब्द कहलाते हैं।उदाहरण में जल्दी, साथ इत्यादि।

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Conclusion

मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को शब्द किसे कहते हैं (Shabd Kise Kahate Hain), और शब्द के कितने भेद होते हैं (Shabd Ke Kitne Bhed Hote Hain) से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!

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