सर्वनाम के कितने भेद होते हैं? | Sarvanam Ke Kitne Bhed Hote Hain

दोस्तों यदि आप भी जानना चाहते हैं कि सर्वनाम की परिभाषा क्या हैं (Sarvanam Ki Paribhasha), और सर्वनाम के कितने भेद होते हैं (Sarvanam Ke Kitne Bhed Hote Hain) तो यह लेख पढ़ने के बाद आप लोगों को पता चल जायेगा, अतः अंत तक पढ़े.

सर्वनाम के कितने भेद होते हैं? | Sarvanam Ke Kitne Bhed Hote Hain
सर्वनाम के कितने भेद होते हैं? | Sarvanam Ke Kitne Bhed Hote Hain

सर्वनाम की परिभाषा (Sarvanam Ki Paribhasha)

सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ है-सबका नाम। अर्थात किसी संज्ञा के बारे में बोलने या बुलाने के लिए संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- हम, तुम, मैं आदि।

दुसरे शब्दों में कहें तो, ऐसा शब्द जो सभी नाम की जगह पर आए या सभी नाम वाली शब्दों के बदले प्रयोग हो उसको सर्वनाम कहते हैं.

सबसे आसान सर्वनाम की परिभाषा – जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं उन्हें सर्वनाम कहते हैं. यह इसकी एक बहुत ही छोटी परिभाषा है.

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सर्वनाम के कितने भेद होते हैं (Sarvanam Ke Kitne Bhed Hote Hain)

हिंदी व्याकरण में सर्वनाम के छः भेद होते हैं, जो निम्नलिखित हैं-

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  4. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  6. निजवाचक सर्वनाम

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1. पुरुषवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग वक्ता द्वारा ख़ुद के लिए या दुसरो के लिए किया जाता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।  यह तीन प्रकार के होते हैं:

  • उत्तम पुरुष- मैं, हम, मैंने, हमने, मेरा, हमारा, मुझे, मुझको
  • मध्यम पुरुष- तू, तुम, तुमने, तुझे। तूने, तुम्हें, तुमको। तुमसे, आपने, आपको
  • अन्य पुरुष- वह, यह, वे, ये। इन, उन, उनको, उनसे, इन्हें, उन्हें, इससे, उसको

2. निश्चयवाचक सर्वनाम

जिन शब्दों से निकट या दूर के व्यक्तियों या वस्तुओं का निश्चयात्मक संकेत व्यक्त होता है, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- यह, वह, ये, वे

  • यह मेरा घर है।
  • वह राम की पस्तक है।
  • ये मेरे खिलौनें हैं।
  • वे बकरियाँ हैं।

3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्द से किसी निश्चित वस्तु का बोध नहीं होता है, उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- कोई, कुछ आदि

  • कुछ लोग आये हुए थे।
  • कोई भी नहीं आएगा।

4. सम्बन्धवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम से किसी दूसरे सर्वनाम से सम्बंध स्थापित किया जाय, उसे सम्बंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे – जैसा-वैसा, जो-सो

  • जैसे-जैसे लोग आते गए,  वैसे-वैसे भीड़ बढती गयी।
  • जो आया है, सो जायेगा यह ध्रुव सत्य है।

5. प्रश्नवाचक सर्वनाम

प्रश्न करने के लिए प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम शब्दों को प्रश्नवाचक सर्वनाम कहा जाता है। जैसे- कौन, क्या, कब, कहाँ

  • रसोड़े में कौन था?
  • क्या आज मंगलवार है?
  • अगली छुट्टी कब होगी?
  • इस बार तुम घुमने के लिए कहाँ जाओगे?

6. निजवाचक सर्वनाम

‘स्वयं’ अर्थात ‘खुद’ के लिए प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे- स्वयं, आप, स्वतः

  • यह कार्य मैं स्वयं कर लूँगा।
  • मै अपने आप चला जाऊंगा।

Conclusion

मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को सर्वनाम की परिभाषा क्या हैं (Sarvanam Ki Paribhasha), और सर्वनाम के कितने भेद होते हैं (Sarvanam Ke Kitne Bhed Hote Hain) से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!

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