Pratyay Kitne Prakar Ke Hote Hain: प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं?

Pratyay Kitne Prakar Ke Hote Hain: दोस्तों यदि आप भी जानना चाहते हैं कि प्रत्यय किसे कहते हैं (Pratyay Kise Kahate Hain), और प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं (Pratyay Kitne Prakar Ke Hote Hain) तो यह लेख पढ़ने के बाद आप लोगों को पता चल जायेगा, अतः अंत तक पढ़े.

Pratyay Kitne Prakar Ke Hote Hain: प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं?
Pratyay Kitne Prakar Ke Hote Hain: प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं?

प्रत्यय किसे कहते हैं (Pratyay Kise Kahate Hain)

प्रत्यय वे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – प्रति + अय

प्रति का अर्थ होता है “साथ में, पर बाद में” और अय का अर्थ होता है “चलने वाला“, अत: प्रत्यय का अर्थ होता है साथ में पर बाद में चलने वाला।

प्रत्यय का अपना अर्थ नहीं होता और न ही इनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व होता है। प्रत्यय अविकारी शब्दांश होते हैं जो शब्दों के बाद में जोड़े जाते है।कभी कभी प्रत्यय लगाने से अर्थ में कोई बदलाव नहीं होता है। प्रत्यय लगने पर शब्द में संधि नहीं होती बल्कि अंतिम वर्ण में मिलने वाले प्रत्यय में स्वर की मात्रा लग जाएगी लेकिन व्यंजन होने पर वह यथावत रहता है।

उदहारण:

  • समाज + इक = सामाजिक
  • सफल + ता = सफलता
  • अच्छा + ई = अच्छाई

प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं (Pratyay Kitne Prakar Ke Hote Hain)

मुख्य रूप से प्रत्यय के दो भेद होते हैं जो निम्नलिखित हैं –

  • कृत् प्रत्यय
  • तद्धति प्रत्यय

1. कृत् प्रत्यय

उन प्रत्यय को कृत् प्रत्यय कहा जाता है जो क्रिया के मूल रूप यानी कि धातुओं के अंत में जोड़े जाते हैं।क्रिया के मूल रूप से अंत में जोड़कर यह उसके अर्थ को परिवर्तित करते हैं। कृत् प्रत्यय से बने शब्द कृदंत कहलाते हैं। जैसे:

  • खुद+ आई = खुदाई । इसमें आई प्रत्यय है।

2. तद्धति प्रत्यय

उन प्रत्यय को तद्धति प्रत्यय कहा जाता है जो संज्ञा सर्वनाम या विशेषण शब्दों के अंत में जूड़कर कर्तावाचक शब्दों का निर्माण करते हैं। संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण से जुड़कर ये नए शब्द का निर्माण करते हैं। जैसे:

  • अच्छा + आई = अच्छाई
  • अपना + पन = अपनापन
  • एक + ता = एकता

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Conclusion

मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को प्रत्यय किसे कहते हैं (Pratyay Kise Kahate Hain), और प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं (Pratyay Kitne Prakar Ke Hote Hain) से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!

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