वर्षा ऋतु पर निबंध | Varsha Ritu Par Nibandh

वर्षा ऋतु पर निबंध – नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सभी? मैं आशा करता हु की आप सभी अछे ही होंगे. दोस्तों क्या आप वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) लिखना चाहते हैं? यदि हाँ तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं। इस पोस्ट में हम आपके लिए Short Essay लेकर आये हैं जो की बहुत ही सरल भाषा में लिखे गये हैं। हमें उम्मीद है आपको ये वर्षा ऋतु पर निबंध पसंद आयेंगे। आप इस निबंध को स्कूल-कॉलेज या प्रतियोगिता आदि में लिख सकते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध | Varsha Ritu Par Nibandh
वर्षा ऋतु पर निबंध | Varsha Ritu Par Nibandh

वर्षा ऋतु पर निबंध (250 शब्द)

प्रस्तावना

भारत में वर्षा ऋतु जुलाई महीने में शुरु हो जाती है और सितंबर के आखिर तक रहता है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आता है। इंसानों के साथ ही पेड़, पौधे, चिड़ियाँ और जानवर सभी उत्सुकता के साथ इसका इंतजार करते है और इसके स्वागत के लिये ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस मौसम में सभी को राहत की साँस और सुकून मिलता है।

आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है। सामान्यतः मैं हरे-भरे पर्यावरण और दूसरी चीजों की तस्वीर लेता हूँ जिससे ये मेरे कैमरे में यादों की तरह रहे। आकाश में सफेद, भूरा और गहरा काला बादल भ्रमण करता दिखाई देता है।

प्रकृति पर वर्षा ऋतु का प्रभाव

सभी पेड़ और पौधे नयी हरी पत्तियों से भर जाते है तथा उद्यान और मैदान सुंदर दिखाई देने वाले हरे मखमल की घासों से ढक जाते है। जल के सभी प्राकृतिक स्रोत जैसे नदिया, तालें, तालाबें, गड्ढें आदि पानी से भर जाता है। सड़कें और खेल का मैदान भी पानी से भर जाता है और मिट्टी कीचड़युक्त हो जाती है। वर्षा ऋतु के ढेर सारे फायदे और नुकसान है। एक तरफ ये लोगों को गरमी से राहत देती तो दूसरी तरफ इसमें कई सारी संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर बना रहता है। यह किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहता है लेकिन यह कई सारी संक्रमित बीमारियों को भी फैलाता है। इससे शरीर की त्वचा को काफी असुविधा होती है। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है।

निष्कर्ष

वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है। इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुत्फ उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

वर्षा ऋतु पर निबंध (300 शब्द)

प्रस्तावना

भारत में ग्रीष्म ऋतु की चिलचिलाती हुई गर्मी जून तक रहती है, इसके बाद वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है और यह सुहाना मौसम सितम्बर रहता है। वर्षा की फुहारें बेहद आनंददायक और सुकून देने वाली होती हैं। इंसानों से लेकर हर जीव जंतु तो इस मौसम का इंतजार रहता है।

इस मौसम में बादलों में काली-भूरी घटायें छा जाती हैं और जब मौसम साफ़ हो जाता है तो पूरा आसमान नीला और मनमोहक दिखाई देने लगता है। और हाँ इन्द्रधनुष को हम कैसे भूल सकते हैं, सात रंगों वाला यह मनमोहक दृश्य सिर्फ सिर्फ इसी मौसम में ही तो दिखाई देते हैं। पूरी धरती हरी-भरी हो जाती है, मिटटी से सौंधी-सौंधी खुशबू, पक्षियों की चहचाहट मन मोह लेती हैं।

वर्षा ऋतु की विशेषताएं

खेती करने लिए बरसात का मौसम ही अनुकूल होता है क्योंकि गर्मी में जल स्तर कम होने और जलाशय के सूखने के बाद इसी ऋतू में सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध हो पाता है। वर्षा ऋतू सिर्फ इंसानों के लिए ही फायदेमंद नही है इससे सूखे हुए पेड़-पौधों और गर्मी से व्याकुल पशु पक्षियों में भी नई जान आ जाती है।

इस मौसम में जंगलों का नजारा बेहद अनोखा होता है, आपने मयूर के बारे में तो सुना ही होगा काले बादल जब छाते हैं तो ये अपने खूबसूरत पंखों को फैलाकर नृत्य करते हैं, गर्मी में बेहाल और प्यासे जानवर पहली बारिश से ही राहत महसूस करते हैं।

वर्षा ऋतु से लाभ और हानि

वर्षा ऋतु में खेतों में हरियाली आ जाती है, बीजों से अंकुरण निकल आता है, किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। धरती का जल स्तर भी बढ़ जाता है इससे पानी की कम दूर हो जाती है। अगर वर्षा ऋतु न आये तो हमारे पास अनाज की कमी हो जाएगी जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

बेशक वर्षा ऋतु का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है, लेकिन फायदों के साथ-साथ इस मौसम के कुछ नुकसान भी हैं। अत्यधिक बारिश होने से बाढ़ आ सकता है नदी नालों में उफान आ जाता है। गावों से लेकर शहर तक जलमग्न हो सकते हैं इससे जानमाल की बहुत हानि होती है।

वर्षा ऋतु पर निबंध (400 शब्द)

प्रस्तावना

धरती तप रही थी सूर्य आग उगल रहा था। सारे पेड़ पौधे सुख रहे थे। पक्षी-पशु जल बिना बेहाल थे। हर व्यक्ति उत्तेजना से मानसून की प्रतीक्षा कर रहा था। तभी आश्चर्यजनक रूप से मौसम में बदलाव आया। आकाश बदलो से घिर गया, तेज हवा और गड़गड़ाहट के साथ मध्य वर्षा होने लगी। मिट्टी की सौंधी सुगंध सांसों को महकने लगी। पेड़ पौधों में नया जीवन आ गया।

वर्षा ऋतु हम सभी के लिये प्यारा मौसम होता है। सामान्यतः: ये जुलाई के महीने में आता है और सितंबर के महीने में जाता है। ये प्रचण्ड गर्मी के मौसम के बाद आता है। ये धरती पर मौजूद हर जीव-जन्तु के लिये एक उम्मीद और जीवन लेकर आता है जो सूरज की ताप की वजह से खत्म हो जाता है। यह अपने प्राकृतिक और ठंडे बारिश के पानी की वजह से लोगों को बहुत राहत देता है। गर्मी के कारण जो नदी और तालाब सूख जाते वे फिर से बारिश के पानी से भर जाते है इससे जलचरों को नया जीवन मिल जाता है। यह उद्यानों और मैदानों को उनकी हरियाली वापस देती है। वर्षा हमारे पर्यावरण को एक नयी सुंदरता प्रदान करती है हालाँकि ये दुख की बात है कि ये सिर्फ तीन महीनों के लिये रहती है।

सबसे अधिक महत्व किसानों के लिये

आम जन जीवन के अलावा वर्षा ऋतु का सबसे अधिक महत्व किसानों के लिये है क्योंकि खेती के लिये पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है जिससे फसलों को पानी की कमी न हो। सामान्यतः: किसान कई सारे गड्ढे और तालाब बनाकर रखते है जिससे वर्षा के जल का जरूरत के समय उपयोग कर सकें। वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। बारिश न होने पर वे इन्द्रराज देव से वर्षा के लिये प्रार्थना करते है और अंततः: उन्हें वर्षा का आशीर्वाद मिल जाता है। आसमान में बादल छाये रहते है क्योंकि आकाश में यहाँ और वहाँ काले, सफेद और भूरे बादल भ्रमण करते रहते है। घूमते बादल अपने साथ पानी लिये रहते है और जब मानसून आता है तो बारिश हो जाती है।

वर्षा ऋतु के आने से पर्यावरण की सुंदरता बढ़ जाती है। मुझे हरियाली बेहद पसंद है। वर्षा ऋतु के पलों का आनन्द लेने के लिये मैं सामान्यतः अपने परिवार के साथ बाहर घूमने जाता हूँ। पिछले साल मैं नैनीताल गया था और वह एक अच्छा अनुभव था। कई पानी से भरे बादल कार में हमारे शरीर पर पड़े और कुछ खिड़की से बाहर निकल गये। बारिश बहुत धीमे हो रही थी और हम सभी इसका आनन्द उठा रहे थे। हम लोगों ने नैनीताल में बोटिंग (नौकायन) का भी आनन्द उठाया। हरियाली से भरा नैनीताल बहुत अद्भुत लग रहा था।

निष्कर्ष

ज्यादा बारिश हमेशा खुशियां ही नहीं लाता कभी-कभी जल प्रलय का कारण भी बन जाता है। कई जगह ज्यादा बारिश होने से गांव डूब जाते है और जन-धन की भी हानि होती है। बहुत ज्यादा बारिश के कारण खेते डूब जाते है फसलें भी नष्ट हो जाती और किसानों को बहुत नुकसान भी होता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध – FAQs

वर्षा ऋतु कौन से महीने में आता है?

वर्षा ऋतु हम सभी के लिये प्यारा मौसम होता है। सामान्यतः: ये जुलाई के महीने में आता है और सितंबर के महीने में जाता है। ये प्रचण्ड गर्मी के मौसम के बाद आता है।

वर्षा ऋतु का महत्व क्या है?

वर्षा का मानव जीवन में बेहद ही महत्व है क्योंकि पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

वर्षा ऋतु का दूसरा नाम क्या है?

वर्षा ऋतु का दूसरा नाम “आषाढ़ से सावन” हैं.

अंतिम शब्द

तो दोस्तों आज हमने वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) के बारे में विस्तार से जाना हैं और मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को यह लेख पसंद आया होगा और आपके लिए हेल्पफुल भी होगा।

यदि आप को यह पोस्ट पसंद आई है तो इसे अपने सभी दोस्तों के साथ भी जरुर से शेयर करें। आर्टिकल को अंत तक पढने के लीयते आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद!

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