व्यंजन किसे कहते हैं? | Vyanjan kise kahate hain

दोस्तों यदि आप भी जानना चाहते हैं कि व्यंजन किसे कहते हैं (Vyanjan Kise Kahate Hain), और व्यंजन के कितने भेद होते हैं, तो यह लेख पढ़ने के बाद आप लोगों को पता चल जायेगा, अतः अंत तक पढ़े.

व्यंजन किसे कहते हैं? (Vyanjan kise kahate hain)

व्यंजन किसे कहते हैं? | Vyanjan kise kahate hain
व्यंजन किसे कहते हैं? | Vyanjan kise kahate hain

आम भाषा में क से गया ज्ञ तक के वर्णों को व्यंजन कहते हैं। जिन वर्णों का उच्चारण बिना किसी दुसरे वर्णों के नहीं हो सकता उन्हें व्यंजन कहते हैं। अर्थात स्वर की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण व्यंजन कहलाते हैं। वैसे तो व्यंजनों की संख्या 33 ही होती है। लेकिन 2 द्विगुण व्यंजन और 4 संयुक्त व्यंजन मिलाने के बाद व्यंजनों की संख्या 39 हो जाती है।

व्यंजन के कितने भेद होते हैं?

मुख्य रूप से व्यंजन 3 प्रकार के होते हैं-

  • स्पर्शी व्यंजन
  • अन्तःस्थ व्यंजन
  • उष्म / संघर्षी व्यंजन

इनके अलावां भी व्यंजन दो और प्रकार के होते हैं।

  • द्विगुण / उत्क्षिप्त व्यंजन
  • सयुक्त व्यंजन

1. स्पर्शी व्यंजन

जिन व्याकरण के वर्णों का उच्चारण करते समय हमारी जीभ कुछ मूल उच्चारण स्थानों को स्पर्श करती है, तो ऐसी स्थिति में उत्पन्न हुए व्यंजन को स्पर्श व्यंजन/स्पर्शी व्यंजन कहते हैं, क्योंकि यह व्यंजन जीभ के कुछ मूल उच्चारण स्थानों को स्पर्श करने से उत्पन्न हुआ है, इसी कारण इसे उदित व्यंजन भी कहा जाता है।

स्पर्श व्यंजन को कुल 5 वर्गों में विभाजित किया गया है और इसी कारण स्पर्श व्यंजन को वर्गीय व्यंजन भी कहा गया है। स्पर्श व्यंजन की कुल संख्या 25 है, जिसका विवरण नीचे टेबल में दिया गया है।

वर्गस्पर्श व्यंजन
वर्ग कक, ख, ग, घ, ङ
वर्ग चच, छ, ज, झ, ञ
वर्ग टट, ठ, ड, ढ, ण
वर्ग तत, थ, द, ध, न
वर्ग पप, फ, ब, भ, म

2. अन्तःस्थ व्यंजन

जिन वर्णों का उच्चारण स्वरों और व्यंजनों के बीच स्थित हो उसे अन्तःस्थ व्यंजन कहते हैं।

यह 4 होते हैं, -य र ल व

3. उष्म व्यंजन

उष्म व्यंजन का शाब्दिक अर्थ होता है, गर्माहट, अर्थात ऐसे व्यंजन जिन का उच्चारण करते समय ऊष्मा उत्पन्न होती है, ऐसे व्यंजन उष्म व्यंजन कहलाते हैं। दूसरी आसान शब्दों में वर्णों का उच्चारण करते समय हमारे मुख से हवा के कारण रगड़ होने से ऊष्मा उत्पन्न होती है। ऐसी स्थिति में जिन वर्णों को उच्चारित किया जाता है, ऐसे वर्ण उष्म व्यंजन कहलाते हैं, उसमें व्यंजन की संख्या भी चार ही होती है। श, ष, स, ह।

4. द्विगुण व्यंजन

जिनके उच्चारण में जीभ उपर उठकर मूर्धा को स्पर्श करके तुरंत नीचे आ जाए, द्विगुण व्यंजन कहलाते हैं।

यह दो होते हैं- ड़ और ढ

5. सयुक्त व्यंजन

दो व्यंजनों से मिलकर बने व्यंजन को संयुक्त व्यंजन कहते हैं। इनकी संख्या 4 होती है।

जैसे-क्ष, त्र, ज्ञ, श्र

Conclusion

मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को व्यंजन किसे कहते हैं? (Vyanjan Kise Kahate Hain) से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!


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