शेयर खरीदने के नियम | Share Kharidne Ke Niyam

शेयर खरीदने के नियम क्या हैं? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में जरुर से आता है जो की पहली बार शेयर मार्किट में कदम रख रहा होता हैं। शेयर बाज़ार में कौन से कंपनी के शेयर खरीदें, कब खरीदें, कैसे खरीदें, और किस भाव पर खरीदें, यह कुछ ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब हर नए और पुराने निवेशक को पता होना आवश्यक है।

पिछले 5-8 सालों में शेयर खरीदने के नियम बहुत ही आसान हो गए हैं। आज के समय में आप घर बैठे अपने कंप्यूटर या मोबाइल से ही ऑनलाइन शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं।

तो चलिए जानते हैं कुछ बहुत ही जरुरी शेयर खरीदने के नियम (Share Kharidne Ke Niyam) के बारे में जोकि आपको शेयर मार्किट में बेहतर करने में सहायता कर सकते हैं।

चलिए शुरू करते हैं।

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शेयर खरीदने के नियम (Share Kharidne Ke Niyam)

शेयर खरीदने के नियम | Share Kharidne Ke Niyam
शेयर खरीदने के नियम | Share Kharidne Ke Niyam

शेयर बाज़ार में किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने के लिए कुछ सिद्ध हो चुके नियम हैं जिसका पालन कर आप अपने निवेश जर्नी को और भी फायदेमंद बना सकते हैं। तो चलिए शेयर खरीदने के नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं –

1. अपने फाइनेंशियल उद्देश्यों को ध्यान में रखें

शेयर खरीदने के नियमों में सबसे पहला नियम यह है कि शेयर खरीदने से पहले हमें अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखना चाहिए। अर्थात सबसे पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप लंबी अवधि का निवेश करना चाहते हैं या छोटी अवधि का।

शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स इंट्राडे ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग चुनते हैं। दूसरी ओर, लंबी अवधि के निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग या पोजिशनल ट्रेडिंग का विकल्प चुन सकते हैं।

अगर आप छोटी अवधि के माध्यम से रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं तो आप निवेश के अन्य माध्यमों पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपके पास लंबी अवधि का निवेश प्लान है, तो इक्विटी में निवेश करने से आपको शानदार रिटर्न मिल सकता है।

लंबी अवधि में, निवेशक किसी कंपनी के शेयर सस्ते होने पर खरीदते हैं, और जब उन्हें लगता है कि शेयर की कीमत पर्याप्त रूप से बढ़ गई है, तो वे शेयरों को अधिक कीमत पर बेचना शुरू कर देते हैं। इस तरह की ट्रेडिंग में रिस्क कम होता है।

इसके विपरीत, अल्पकालिक व्यापार में इंट्राडे ट्रेडिंग शामिल होती है। इसमें अगर सही स्टॉक की पहचान की जाए तो रोजाना शेयर बाजार में पैसा लगाकर मुनाफा कमाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी बहुत है।

इसलिए, शेयर बाजार को शॉर्ट टर्म मनी मेकिंग टूल के रूप में सोचने के बजाय, इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के रूप में देखें। लंबी अवधि के रिटर्न को ध्यान में रखते हुए शेयर खरीदें, क्योंकि शेयर बाजार में लंबी अवधि के निवेश अन्य निवेश खंडों की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं।

2. मौलिक और तकनीकी विश्लेषण करें

यह भी शेयर खरीदने के बहुत ही महत्वपूर्ण नियमों में से एक है। बिना उचित शोध या विश्लेषण के शेयर बाजार में धड़ल्ले से स्टॉक खरीदना अपने पैरो पर कुलहाड़ी मारने जैसा है।

शेयर बाजार में निवेश करने से पहले आपको यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि शेयर बाजार कैसे काम करता है। किसी कंपनी विशेष के शेयर खरीदते समय, कंपनी के पिछले प्रदर्शन के साथ-साथ भविष्य की संभावनाओं पर कुछ शोध करना आवश्यक होता है।

इसी तरह शेयर खरीदने से पहले बाजार का रुख देख लें और जानें कि पहले शेयर बाजार कैसा था और अब कैसा चल रहा है। इसके आधार पर ही शेयर खरीदें।

आप शेयर बाजार में मौलिक और तकनीकी विश्लेषण कर सकते हैं। यदि आप किसी स्टॉक का मौलिक विश्लेषण करना चाहते हैं, तो आपको कंपनी के वित्तीय वक्तव्यों को देखना होगा। अंततः, यह आपको कंपनी के स्वास्थ्य और विकास क्षमता के बारे में बताता है।

बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, ऑपरेटिंग मार्जिन, प्रति शेयर कमाई और अन्य जानकारी को समझने से आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि कंपनी कैसा प्रदर्शन कर रही है।

इसके अलावा, तकनीकी विश्लेषण का मूल उद्देश्य स्टॉक के भविष्य और पिछले मूल्य आंदोलनों के बारे में पता लगाना है। दूसरे शब्दों में, तकनीकी विश्लेषण का अर्थ शेयर बाजार चार्ट और शेयर बाजार संकेतकों का उपयोग करके मूल्य और मात्रा के पिछले रुझानों को देखकर शेयर की कीमत के बारे में सही भविष्यवाणी करना है।

यहां आप मूविंग एवरेज, कैंडलस्टिक चार्ट, बोलिंगर बैंड, इचिमोकू चार्ट और कई अन्य चार्ट और संकेतक का उपयोग कर सकते हैं। इसलिए, इंडिकेटर और ऑसिलेटर का उपयोग करें जो मूल्य गति का समर्थन करते हैं ताकि आपको खरीदारी का निर्णय लेने में मदद मिल सके।

3. सही कीमत पर शेयर खरीदें

आपके द्वारा वहन की जा सकने वाली कीमत पर स्टॉक खरीदना बहुत महत्वपूर्ण है। हो सकता है कि आप एक ऐसे स्टॉक की तलाश कर रहे हों जो बहुत लोकप्रिय हो और जिसे अन्य लोग खरीद रहे हों। लेकिन इसके लिए आपको यह भी देखना होगा कि अपने बजट के अनुसार ही शेयर खरीदें और जो आपको बेहतर रिटर्न दे सके।

जो स्टॉक आपके बजट में फिट न हो उसे छोड़ दें। सही समय का इंतजार करें और ऐसा स्टॉक चुनें जो आपके बजट के अनुकूल हो और आपको मुनाफा भी दे। इसके अलावा जब आपको लगे कि आप अपना शेयर बेचना चाहते हैं और आपको अच्छा रिटर्न मिल रहा है तो आपको शेयर बेच देना चाहिए।

शेयर की कीमत कुछ और बढ़ने का इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि अगर इसकी कीमत गिरती है तो आपको नुकसान भी हो सकता है। इसलिए हमेशा सही समय पर शेयर खरीदें और सही समय पर बेचें।

4. एक ही बार में पूरी राशी निवेश न करें

शेयर बाजार में शेयर की कीमतों में रोजाना उतार-चढ़ाव होता है। यदि आपने एक ही दिन में सारा पैसा निवेश कर दिया है, तो आप खरीद मूल्य से औसत पैसा नहीं बना पाएंगे।

अगर आप धीरे-धीरे शेयर खरीदते हैं तो आप अलग-अलग कीमतों पर किसी कंपनी के शेयर खरीद पाएंगे। इसमें लाभ की संभावना अधिक है।

आप चाहें तो इसके लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का रास्ता चुन सकते हैं। जिसमें आपको एक निश्चित अंतराल पर निवेश करना होता है। इस तरह के निवेश में जोखिम कम होता है और रिटर्न भी अच्छा मिलता है।

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5. सेबी के नियमों का पालन करें

शेयर बाजार की नियामक संस्था (सेबी) ने 1 सितंबर 2020 से शेयरों की खरीद-बिक्री के नियमों में भारी बदलाव किया है। एक तरफ जहां इन नियमों से निवेशकों की सुरक्षा बढ़ी है, वहीं दूसरी तरफ इससे शेयर खरीदना थोड़ा मुश्किल हो गया है।

जैसा कि आप जानते हैं कि “कार्वी ऑनलाइन” ने निवेशकों के पैसे का घोटाला किया था। उसके बाद सेबी ने नियम बनाने के लिए कड़े कदम उठाए। ऐसे में अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं तो आपको शेयर खरीदने के नियम पता होने चाहिए।

आप जानते हैं कि निवेशक अपने ब्रोकर से पावर ऑफ अटॉर्नी लेते थे। यहां ब्रोकर उनके शेयरों से मनमानी करता था और निवेशकों की सहमति के बिना शेयरों का इस्तेमाल करता था। लेकिन अब सेबी के नए शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ही रहेंगे और क्लियरिंग हाउस वहीं गिरवी रख देगा। इस तरह आपके शेयर ब्रोकर के खाते में नहीं जाएंगे।

इसके अलावा शेयरों को कैश में खरीदने और बेचने पर भी अपफ्रंट मार्जिन देना होगा। क्लाइंट से मार्जिन नहीं लेने पर ब्रोकरों पर जुर्माना लगाया जाएगा। 1 लाख रुपये से अधिक की कमी पर 1% पेनल्टी लगेगी और मार्जिन प्लेज/री-प्लेज सिस्टम भी लागू किया गया है।

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अंतिम शब्द

तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने शेयर खरीदने के नियम (Share Kharidne Ke Niyam), के बारे में विस्तार से जाना हैं। मैं आशा करता हूँ की आप सभी को हमारा यह आर्टिकल जरुर से पसंद आया होगा।

अब यदि आपको यह लेख पसंद आया हैं और इससे कुछ भी नया सिखने को मिला हो तो इसे अपने सभी दोस्तों के साथ भी जरुर से शेयर करें।

आर्टिकल को अंत तक पढने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद!

सुधांशु HindiQueries के संस्थापक और सह-संस्थापक हैं। वह पेशे से एक वेब डिज़ाइनर हैं और साथ ही एक उत्साही ब्लॉगर भी हैं जो हमेशा ही आपको सरल शब्दों में बेहतर जानकारी प्रदान करने के प्रयास में रहते हैं।

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