लोक शब्द रूप संस्कृत में | Lok Shabd Roop in Sanskrit

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लोक शब्द का परिचय

लोक शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा, सभी पुल्लिंग संज्ञाओ के शब्द रूप इसी प्रकार बनाते है, जैसे- ज्ञान, धन, जल, बल, पुस्तक, दुग्ध, मित्र, मुख, वन, नगर, गृह, पुष्प, पत्र, कमल, नक्षत्र आदि।

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमालोक:लोकौलोका:
द्वितीयालोकम्लोकौलोकान्
तृतीयालोकेनलोकाभ्याम्लोकै:
चतुर्थीलोकायलोकाभ्याम्लोकेभ्य:
पंचमीलोकात्लोकाभ्याम्लोकेभ्य:
षष्ठीलोकस्यलोकयो:लोकानाम्
सप्तमीलोकेलोकयो:लोकेषु
संबोधनहे लोक!हे लोकौ!हे लोका!

लोक शब्द रूप (Lok Shabd Roop in Sanskrit)

लोक शब्द के रूप विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:

अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप

नदीहरि
रामलता
अस्मद्मुनि
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सुधांशु HindiQueries के संस्थापक और सह-संस्थापक हैं। वह पेशे से एक वेब डिज़ाइनर हैं और साथ ही एक उत्साही ब्लॉगर भी हैं जो हमेशा ही आपको सरल शब्दों में बेहतर जानकारी प्रदान करने के प्रयास में रहते हैं।

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