नागरिकता संशोधन बिल क्या है? (What is CAB Bill in Hindi)

CAB Bill in Hindi : हमारा देश एक ऐसा देश है जहां विभिन्न धर्मों के लोग निवास करते हैं और यहां सभी धर्मों के लोगों को नागरिकता भी दी गई है। लेकिन कुछ मुस्लिम देशों जैसे पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश आदि की नागरिकता मिलने के बाद भारत में प्रवेश करने वाले कुछ अल्पसंख्यक गैर-मुस्लिम समुदाय के लोग, जो हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी आदि 6 धर्मों से संबंधित हैं।

अब केंद्र सरकार द्वारा उन्हें भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए यह बिल पेश किया गया है। जिसे लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पेश और पारित किया जा चुका है और अब यह एक बिल बन गया है। जिसके लिए भारत के विभिन्न राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यह बिल क्या है और इसका विरोध कौन कर रहा है और किसलिए। इसके बारे में यहां विस्तार से जानें।

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सीएबी का फुल फॉर्म (CAB Full Form in Hindi)

CAB का full form Citizenship Amendment Bill है। हिंदी में इसे नागरिकता संशोधन विधेयक कहते हैं। नागरिकता (संशोधन) विधेयक या CAB, जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है, इसे बुधवार 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था।

नागरिकता संशोधन बिल क्या है? (What is CAB Bill in Hindi)

दरअसल, भारत के मूल नागरिकों के अलावा विभिन्न धर्मों और संप्रदायों के शरणार्थी भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से रह रहे हैं। इनमें से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है।

इस बिल के पास होने के बाद इन देशों के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है, तो देश में शरणार्थी के रूप में रहने वाले गैर-मुसलमानों को भारतीय नागरिक होने का अधिकार मिल जाएगा।

नागरिकता संशोधन विधेयक का रूप लेकर पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आसपास के देशों में धार्मिक उत्पीड़न के कारण भागे हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।

नागरिकता अधिनियम के अनुसार भारत की नागरिकता इन पांच विधियों से प्राप्त की जा सकती है।

  • जन्म
  • वंशानुगत क्रम
  • पंजीकरण
  • प्राकृतिक रूप से नागरिकता
  • यदि कोई व्यक्ति जिस देश में रहता है वह देश भारत में मिल जाता है तो।

नागरिकता संशोधन विधेयक का बैकग्राउंड (Citizenship Amendment Bill Background)

नागरिकता संशोधन विधेयक को पहली बार जुलाई 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था, जिसके बाद इसे अगस्त में संयुक्त सदस्य समिति के पास भेजा गया था। फिर इसके 3 साल बाद यानी इस साल 2019 के जनवरी में इसे दोबारा लोकसभा में पेश करके केंद्र सरकार ने इसे पास कर दिया।

लेकिन इसके बाद जब इसे राज्यसभा में पेश किया गया तो वहां से इसे पारित नहीं किया जा सका और उस दौरान लोकसभा का संसदीय सत्र भी खत्म हो गया। जिसके कारण यह बिल लागू नहीं हो सका। और अब कुछ और संशोधन करने के बाद इस शीतकालीन सत्र में इसे फिर से दोनों सदनों में पेश किया गया और केंद्र सरकार भी इसे वहां से पारित कराने में सफल रही है।

नागरिकता अधिनियम 1955 (Citizenship Act 1955)

नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत यह प्रावधान था कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले नागरिकों को भारत में प्रवेश करने के बाद 11 साल तक लगातार यहां रहने के बाद भारतीय नागरिकता मिल जाएगी। इसका मतलब यह हुआ कि अगर कोई व्यक्ति भारत में पैदा हुआ है या उसके माता-पिता भारतीय हैं या वह 11 साल तक भारत में रहा था, तो उसे भारत का नागरिक होने का पूरा अधिकार मिल गया होता।

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CAB Bill का प्रस्ताव क्या है?

नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया जा रहा है। नागरिकता बिल संशोधन1955 के हिसाब से किसी अवैध प्रवासी को भारत की नागरिकता नहीं दी जा सकती। अब इस संशोधन से नागरिकता प्रदान करने से संबंधित नियमों में बदलाव हो गया है।

विपक्ष CAB Bill का विरोध क्‍यों कर रहा है?

गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता दिए जाने के इस बिल का विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही हैं। उनका मानना है कि इस बिल के जरिए मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया गया है। धर्म के आधार पर नागरिकों को बांटने का प्रयास किया जा रहा है। मोदी सरकार धर्म के आधार पर ध्रुुवीकरण को बढ़ा दे रही है।

नागरिकता संशोधन बिल से जुड़ी अहम बातें (Important Things Related to CAB Bill in Hindi)

  1. इस बिल के कानून में तब्दील होने के बाद पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक आसानी से भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकेंगे। नागरिकता पाने के लिए उन्हें यहां कम से कम 6 साल बिताने होंगे। पहले नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल बिताने की शर्त थी।
  2. पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आसपास के देशों के हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्मों के लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की महत्वपूर्ण तारीख तक भारत में प्रवेश किया है। वे सभी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। .
  3. यदि ओसीआई कार्डधारक नियमों का उल्लंघन करते हैं तो केंद्र के पास उनका कार्ड रद्द करने का अधिकार होगा। बता दें कि ओसीआई कार्ड स्थायी रूप से विदेश में बसे भारतीयों को दिया जाने वाला कार्ड है।

Frequently Asked Questions About CAB Bill in Hindi

1. CAB Full Form in Hindi

उत्तर :- CAB का full form Citizenship Amendment Bill है। हिंदी में इसे नागरिकता संशोधन विधेयक कहते हैं।

2. नागरिकता संशोधन बिल क्या है?

उत्तर :- नागरिकता संशोधन विधेयक अपनी शुरुआती अवस्था में जनवरी 2019 में पास हुआ था। इसमें छह गैर मुस्लिम समुदाय हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए भारतीय नागरिकता मांगी गई थी। इसमें भारत की नागरिकता पाने के लिए भारत में कम से कम 12 साल रहने की आवश्यक शर्त को कम करके सात साल कर दिया गया।

3. नागरिकता कानून 1955 क्या है?

उत्तर :- नागरिकता कानून 1955 में उन लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने एवं सुनिश्चित करने का प्रावधान है, जोकि कम से कम 11 साल से भारत में रह रहे हैं।

4. नागरिकता संशोधन कानून 2019 क्यों बनाया गया?

उत्तर :- असम में बढ़ रहे घुसपैठियों की संख्या को कम करने के लिए वहां एनआरसी लागू करने का काम चल रहा था, लेकिन इसका विरोध था कि यह ऐसे लोगों को भी नागरिकता की सूची से बाहर कर देगा जो भारत के मूल निवासी हैं. नागरिकता संशोधन कानून 2019 सिर्फ इसी समस्या का समाधान खोजने के लिए बनाया गया है।

5. भारत की आबादी पर सीएबी का क्या प्रभाव है?

उत्तर :- फिलहाल तीन पड़ोसी देशों के 31,313 लोग लंबी अवधि के वीजा पर भारत में रह रहे हैं। कैब से उन्हें तुरंत फायदा होगा। इसमें 25,000 से अधिक हिंदू, 5800 सिख, 55 ईसाई, दो बौद्ध और दो पारसी नागरिक शामिल हैं।

6. सीएबी के दायरे में कौन आएगा?

उत्तर :- नागरिकता विधेयक में इस संशोधन से मुख्य रूप से छह जातियों के अवैध प्रवासियों को फायदा होगा। बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई, अवैध दस्तावेजों के बाद भी भारतीय नागरिकता का रास्ता साफ करेंगे। दरअसल इससे सबसे ज्यादा फायदा गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को होगा।

अंतिम प्रक्रिया

मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को नागरिकता संशोधन बिल क्या है? (What is CAB Bill in Hindi) से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!

रोहित HindiQueries के संस्थापक और सह-संस्थापक हैं। वह पेशे से एक वेब डेवलपर, प्रोग्रामर और ब्लॉगर हैं। उन्हें ब्लॉग लिखना और अपने विचारों और ज्ञान को अन्य लोगों के साथ साझा करना पसंद है।

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