अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं? | Aparimey Sankhya Kise Kahate Hain

दोस्तों यदि आप भी जानना चाहते हैं कि अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं (Aparimey Sankhya Kise Kahate Hain), अपरिमेय संख्या का सूत्र क्या होता हैं और अपरिमेय संख्या कैसे ज्ञात करें, तो यह लेख पढ़ने के बाद आप लोगों को पता चल जायेगा, अतः अंत तक पढ़े.

अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं? | Aparimey Sankhya Kise Kahate Hain
अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं? | Aparimey Sankhya Kise Kahate Hain

अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं (Aparimey Sankhya Kise Kahate Hain)

ऐसी वास्तिक संख्याएँ जिन्हें [p/q] के रूप में नही लिखा जा सकता, उन्हें अपरिमेय संख्या कहते है. अर्थात, वैसी संख्याएँ जिसे पूर्णांक के अनुपात के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है. साथ ही अंश और हर के रूप में भी व्यक्त नही किया जा सकता है. वह अपरिमेय संख्या कहलाती है.

प्रमेय के अनुसार एक अपरिमेय संख्या (Aparimey Sankhya) का दशमलव विस्तार न समाप्त होता है और न ही आवर्त होता है. अपरिमेय संख्याओं के बिच धनात्मक या ऋणात्मक चिन्हों का प्रयोग कर उसे अंश और हर के रूप में व्यक्त किया जा सकता है. जैसे; (√2 – √3) / √5

अपरिमेय संख्याओं को अनुपात में नहीं व्यक्त किया जा सकता है इसके दो कारण है-

  • जब किसी अंश पूर्णांक को हर पूर्णांक से विभाजित किया जाता है तो हल न समाप्त होने वाले आते है। 
  • प्राप्त हल बार-बार रिपीट नहीं होते है।

अपरिमेय संख्या के उदाहरण

अपरिमेय संख्याओं की दुनिया में π सबसे प्रशिद्ध अपरिमेय संख्या है। इसके अलावा भी √2, √3, √7, यूलर संख्या (e), गोल्डन अनुपात ( Φ )  आदि अपरिमेय संख्याओं की विशेष उदाहरण है।

अपरिमेय संख्या कैसे पहचाने (Aparimey Sankhya Ki Pahchan)

वैसी संख्या जो p / q के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠ 0 को अपरिमेय संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है. जैसे; √2, √5, √7 आदि.

जब कोई संख्या जो p / q के रूप में हो, p और q पूर्णांक हो. q ≠ 0 को एक अपरिमेय संख्या कहा जाता है. अपरिमेय संख्या हमेशा ( √ ) के रूप में होता है जिसका वर्गमूल नही निकलता है.

अपरिमेय संख्या का सिंबल (Symbol of Irrational Numbers)

आमतौर पर अपरिमेय को व्यक्त करने के लिए “P” का प्रयोग किया जाता है. इसे प्रमेय के माध्यम से सिद्ध किया जा चूका है जिसका अध्ययन क्लास 11th और 12th में कराया जाता है.

इसका उपयोग किसी अन्य संख्या के ऋणात्मक चिन्ह के साथ किया जाता है. जैसे; R – P, जहा R = वास्तविक संख्या तथा P = अपरिमेय संख्या आदि.

अपरिमेय संख्या का लिस्ट (List of Irrational Numbers)

गणितीय संख्या में कई ऐसे संख्या है जो सदैव अपरिमेय संख्या होते है. जैसे; π, √2 आदि. लेकिन सभी Aparimey Sankhya नही होते है. इसलिए, यहाँ वैसे संख्याओं को चिन्हित किया गया है जो अपरिमेय है.

π (पाई)3.141592653…..
e (Euler’s Number)2.71828182……
φ (Golden ratio)1.61803398
√2, √3, √5, √7, √8मान ज्ञात किया जा सकता है

अपरिमेय संख्याओं का गुणधर्म

अपरिमेय संख्याओं के गुणधर्मो को जानना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि परीक्षा में जो प्रश्न पूछे जाते है वो अपरिमेय संख्याओं के गुणधर्मो पर ही आधारित होते है। इसलिए प्रश्नो का स्पष्ट हल करने के लिए गुणधर्मो के कांसेप्ट को क्लियर करना जरुरी है। तो अपरिमेय संख्याओं के कुछ चार महत्वपूर्ण गुणधर्म है जो इस प्रकार है-

1. जब दो संख्याओं जिनमे से एक परिमेय और एक अपरिमेय संख्या है को जोड़ा जाता है तो हमे एक अपरिमेय संख्या ही प्राप्त होती है।

जैसे –

  • 2 + 3√3 = 2+3√3 [यह एक अपरिमेय संख्या है।]
  • 4√2 + 2√2 = 6√2 [यह एक अपरिमेय संख्या का उदाहरण है।]

2. यदि एक परिमेय संख्या और एक अपरिमेय संख्या को गुना किया जाए तो हमे एक अपरिमेय संख्या ही प्राप्त होगी।

जैसे-

  • 5 * 2√3 = 10√3 [यह एक अपरिमेय संख्या का उदाहरण है।]
  • 3√2 * 4 =  12√2 [एक एक अपरिमेय संख्या का उदहारण है।]

3. दो अपरिमेय संख्याओं को गुणा करने या जोड़ने पर उसका प्राप्तफल एक परिमेय संख्या भी  प्राप्त हो सकता है।

जैसे-

दो अपरिमेय संख्याओं को गुना करने पर – √2 * √2 = 2 [यह एक परिमेय संख्या है क्योंकि इसे (2/1) के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।]
दो अपरिमेय संख्याओं को जोड़ने पर – 6 + √5 – √5 = 6 [उपरोक्त उदाहरण के आधार पर यह एक परिमेय संख्या है।]

4. दो अपरिमेय संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य (LCM) हो भी सकता और नहीं।

Also Read:

अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं? – FAQs

क्या √2 और √3 एक अपरिमेय संख्या है?

ये दोनों अपरिमेय संख्या है क्योंकि इन्हे अनुपात के रूप में  अर्थात p /q के रूप में नहीं व्यक्त किया जा सकता है।

क्या √1 भी एक अपरिमेय संख्या है?

नहीं, क्योंकि √1 एक पूर्ण वर्ग है। जिसे 1/1 के रूप में लिखा जा सकता है। 

क्या √4 एक परिमेय संख्या है?

हाँ , क्योंकि √4 एक पूर्ण वर्ग संख्या है। जिसे [2/1] के रूप निः संकोच व्यक्त किया जा सकता है।

π एक प्रशिद्ध अपरिमेय संख्या क्यों है ?

π का मान 3.1415926…….. है जो की समाप्त नहीं होते है और ख़ास बात यह है की इसके अंक के जोड़े भी पिछले अंको के जोड़े की तरह दोहरे नहीं होते है।

कुछ महत्वपूर्ण अपरिमेय संख्या और उनके मान लिखे।

π = 3.1415926…….. (पाई/Pi)
e = 2.7182818……..  (यूलर संख्या)
Φ =  1.61803398…….  (गोल्डेन अनुपात)

Conclusion

मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को  अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं (Aparimey Sankhya Kise Kahate Hain), अपरिमेय संख्या का सूत्र क्या होता हैं और अपरिमेय संख्या कैसे ज्ञात करें, से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!

HindiQueries पर आप सभी को मनोरंजन, शिक्षा, जीवनी, व्यवसाय, टेक्नोलॉजी, अदि के साथ और भी बहुत सारी जानकारियां हिंदी मे प्राप्त होंगी।

Sharing Is Caring:

Leave a Comment