कपालभाति के फायदे: तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए योग एक बेहतरीन विकल्प है। ऐसा करने से बड़ी से बड़ी बीमारी भी चुटकी में ठीक हो जाती है। बीमारियों से बचना है तो कपालभाति जरूर आजमाएं। यह अपने आप में पूर्ण है। यदि ऐसा किया जाता है, तो आपको शायद ही कोई अन्य आसन करने की आवश्यकता होगी। इसके कई फायदे हैं।
देखा जाए तो कपालभाति किसी प्रकार का प्राणायाम नहीं है। यह एक सफाई तकनीक है, जिसे षट्कर्म के अनुसार योग में शामिल किया गया है। षट्कर्म वे क्रियाएं हैं, जिन्हें यदि नियमित रूप से किया जाए तो शरीर से 60 प्रतिशत विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। यह क्रिया श्वास द्वारा की जाती है, इसलिए इसे प्राणायाम कहते हैं।
अगर सही तरीके से किया जाए तो यह आपके दिमाग को शांत रख सकता है और 100 से अधिक बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है। नियमित रूप से कपालभाति करना आपके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए फायदेमंद साबित होता है। तो आइए आज के इस लेख में जानते हैं कपालभाति करने के तरीके और कपालभाति के फायदे (Kapalbhati Ke Fayde) के बारे में।
कपालभाति के फायदे (Kapalbhati Ke Fayde)
कपालभाति के फायदे (Kapalbhati Ke Fayde) निम्नलिखित है:
- रोजाना कपालभाति करने से लिवर और किडनी से जुड़ी समस्या ठीक होती है।
- शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखने के लिए यह आसन बहुत फायदेमंद है।
- नियमित रूप से कपालभाति करने से आंखों के नीचे कोले घेरों की समस्या भी खत्म हो जाएगी।
- आपके ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने और मेटाबॉलिज्म में सुधार करने के लिहाज से कपालभाति बहुत फायदेमंद है।
- गैस और एसिडिटी की समस्या में ये बहुत लाभदायक है।
- इसमें सांस छोड़ने की प्रक्रिया करने से फफेड़े लंबे समय तक ठीक से काम करते हैं।
- कपालभाति करने से याददाश्त बढ़ती है और दिमाग भी तेजी से काम करता है।
- इस प्राणायाम को करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।
कपालभाति प्राणायाम कैसे करें (Kapalbhati Kaise Kare)
कपालभाती प्राणायाम करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।
- सबसे पहले किसी आरामदायक आसन पर बैठ जाएं।
- अब सिर और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें।
- आंखे बंद कर लें और पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें।
- अब दोनों नासिका छिद्रों से गहरी सांस लें और पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए सांस छोड़ें। लेकिन ध्यान रहे सांस छोड़ते समय अधिक जोर न लगाएं।
- अब फिर से जब सांस लें तो पेट की पेशियों पर बिना प्रयास लगाएं सांस लें। सांस आराम से लें, इसमें किसी प्रकार का प्रयास न लगाएं।
- शुरआत में दस बार सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया करें।
- इस चक्र को तीन से पांच बार दोहराएं।
- आसन का अभ्यास पूरा होने के बाद शान्ति का अनुभव करें।
कपालभाती प्राणायाम में सावधानियां
कपालभाती प्राणायाम करते समय कुछ सावधानियों को ध्यान में रखें –
- यदि आसन करते समय दर्द या चक्कर जेसा महसूस हो तो आसन करना बंद कर दें और थोड़ी देर के लिए शांति से बेठ जाएं।
- जब ये परेशानी खत्म हो जाए तो ध्यानपूर्वक और कम जोर लगाकर फिर से आसन की शुरुआत करें।
- अगर ये समस्या तब भी बनी रहती है तो अपने योग शिक्षक को जरूर बताएं।
कपालभाती प्राणायाम का वीडियो (Kapalbhati Pranayam Video in Hindi)
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Conclusion
मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को कपालभाति के फायदे (Kapalbhati Ke Fayde) से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!