Paryayvachi Shabd Kise Kahate Hain: दोस्तों यदि आप भी जानना चाहते हैं कि पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं (Paryayvachi Shabd Kise Kahate Hain) और पर्यायवाची शब्द के उदहारण क्या-क्या है, तो यह लेख पढ़ने के बाद आप लोगों को पता चल जायेगा, अतः अंत तक पढ़े.
पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं (Paryayvachi Shabd Kise Kahate Hain)
Synonym In Hindi : एक ही शब्द के एक से ज्यादा अर्थ निकले उसे पर्यायवाची शब्द कहते है. अर्थात किसी शब्द-विशेष के लिए प्रयुक्त समानार्थक शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं।
इस प्रकार भी समझे,
भाषा में शब्द और अर्थ दोनों का अपना विशिष्ट स्थान एवं महत्त्व है। एक अर्थ के द्योतन हेतु एक शब्द विशेष होता है। परंतु भाषा-प्रयोग की दृष्टि से उस एक ही शब्द का अनेक बार प्रयोग उचित प्रतीत नहीं होता। ऐसी परिस्थिति में निहितार्थ की अभिव्यक्ति हेतु उसी के समान अर्थ प्रतीति कराने वाले अन्य शब्द का प्रयोग किया जाता है। ऐसे समानार्थी शब्द ही पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं।
पर्यायवाची शब्द समानार्थक शब्द भी होते है ,परंतु भाव में एक-दूसरे से बिलकुल भिन्न होते हैं।जैसे :- उजाला – प्रकाश,खून – रक्त.
पर्यायवाची शब्द के उदहारण
शब्द | पर्यायवाची शब्द |
अग्नि | अनल, आग, पावक, दहन, कृशानु, वह्नि। |
अलंकार | गहना, भूषण, आभूषण, विभषण, जेवर। |
अमृत | अमिय, पीयूष, सोम, सुधा, अमी, सुरभोग। |
असुर | दानव, राक्षस, निशाचर, तमचर, रजनीचर, दैत्य, रात्रिचर। |
अपमान | अनादर, अवज्ञा, अवहेलना, अवमान, तिरस्कार। |
अतिथि | आगन्तुक, पाहुन, मेहमान, अभ्यागत। |
अजेय | अजित, अपराजित, अपराजेय |
अनुपम | अपूर्व, अनोखा, अतुल, अनूठा |
अश्व | तुरंग, घोड़ा, घोटक, हरि, बाजि, सैन्धव, हय |
अंधकार | तम, तिमिर, तमस, तमिस्र, अंधेरा। |
अनुचर | नौकर, दास, सेवक, |
आम | रसाल, आम्र, सौरभ, अमृतफल, सहुकार |
आंख | लोचन, चक्षु, नयन, नेत्र, दृग, अक्षि। |
आकाश | अन्तरिक्ष, शून्य, अम्बर, गगन, नभ, व्योम, अनन्त, आसमान |
आत्मा | जीव, चैतन्य, अंतःकरण, देव |
आनंद | उल्लास, हर्ष, आमोद, मोद |
इच्छा | आकांक्षा, अभिलाषा, कामना, चाह, लिप्सा, लालसा। |
इन्द्र | शचीपति, देवराज, सुरेश, सुरपति, अमरेश, देवेन्द्र, मेघराज। |
इन्द्राणी | शची, पुलोमजा, इन्द्रवधु |
उपवन | बाग, बगीचा, उद्यान, वाटिका, गुलशन। |
कमल | राजीव, अरविन्द, पंकज, नीरज, सरोज, जलज, पुण्डरीक, इन्दीवर। |
कण्ठ | ग्रीवा, गर्दन, गला, शिरोधरा। |
कपड़ा | पट, चीर, दुकूल, वसन, अम्बर, वस्त्र। |
कनक | सोना, स्वर्ण, धतूरा |
कान | श्रवण, कर्ण, श्रुति, श्रवणेंद्रिय |
कामदेव | मदन, मनोज, मन्मथ, मार, कंदर्प, अनंग, मनसिज, रतिनाथ |
कच | बाल, केश, कुन्तल, चिकुर, अलक, रोम, शिरोरूह। |
काजल | कज्जल, अंजन, सुरमा, काज़र |
कबूतर | कपोत, रक्तलोचन, पारावत, कलरव, हारिल। |
कोयल | कोकिला, काक्पाली, वसंतदूत, पिक |
किरण | अंशु, कर, ज्योति, प्रभा, मरीचि, रश्मि, मयूख |
किनारा | कूल, तट, कगार, तीर। |
किसान | कृषक, हलधर, भूमिपुत्र, खेतिहर, अन्नदाता |
कृष्ण | केशव, गोविन्द, माधव, मोहन, घनश्याम, राधापति |
काया | देह, तन शरीर, वपु, गात। |
खल | अधम, दुर्जन, दुष्ट, कुटिल, नीच |
खग | पक्षी, द्विज, विहग, नभचर, अण्डज, शकुनि, पखेरू। |
गंगा | मंदाकिनी, देवनदी, भगीरथी, देवपगा, सुरसरिता, जाह्नवी, त्रिपथगा |
गाय | धेनु, गौ, सुरभि, रोहिणी |
गुरु | शिक्षक, आचार्य, उपाध्याय। |
गणेश | एकदन्त, विनायक, गजानन, गणपति, लम्बोदर, महाकाय। |
गृह | घर, सदन, भवन, निवास, आलय, निकेतन। |
गज | हाथी, हस्ती, मतंग, मदकल। |
चरण | पैर, पद, पग, पांव। |
चंद्रमा | मयंक, सुधाकर, चन्द्र, शशि, हिमकर, राकेश, इन्दु, सोम, सुधांशु, हिमांशु। |
चांदनी | चन्द्रिका, कौमुदी, ज्योत्स्ना, चन्द्रप्रभा, जुन्हाई। |
चतुर | चालाक, पटु, नागर, दक्ष, प्रवीण |
जल | अम्बु, उदक, पानी, वारि, पय, सलिल, तोय, जीवन, नीर |
जगत् | संसार, विश्व, जगती, भव, दुनिया, लोक। |
जीभ | रसना, रसज्ञा, जिह्वा, रसिका, वाचा, जबान, वाणी। |
जंगल | कानन, वन, अरण्य, गहन, विपिन |
तालाब | सरोवर, सर, पुष्कर, पोखर, जलाशय |
तरुवर | वृक्ष, पेड़, द्रुम, तरु, विटप, पादप। |
तलवार | असि, कृपाण, करवाल, खड्ग, चन्द्रहास। |
दिन | दिवस, दिवा, वार, याम |
दूध | दुग्ध, क्षीर, पय |
दुर्गा | चण्डी, चामुण्डा, कल्याणी, भवानी। |
दधि | दही, गोरस, मट्ठा, तक्र। |
दीन | गरीब, दरिद्र, रंक, निर्धन |
दांत | दशन, रदन, द्विज, दन्त, मुखखुर। |
दास | सेवक, अनुचर, चाकर, किंकर, परिचारक। |
दिन | दिवस, वार, वासर, दिवा। |
दीपक | दीप दीया प्रदीप। |
धनुष | चाप, कमान, कोदण्ड, सरासन, पिनाक, सारंग। |
पुत्र | बेटा, सुत, तनय, आत्मज |
पुत्री | बेटी, सुता, तनया, आत्मजा |
पृथ्वी | धरा, मही, वसुधा, वसुन्धरा, धरती, भूमि |
पर्वत | नग, भूधर, शैल, पहाड़ |
मेघ | जलधर, जलद, पयोद, पयोधर, घन, बादल |
बिजली | चपला, चंचला, दामिनी, सौदामनी |
राजा | नृपति, नृप, भूपति |
रजनी | रात, रात्रि, निशा, यामिनी, विभावरी |
हाथ | कर, हस्त, पाणि, बाहु, भुजा |
हिमालय | हिमगिरी, हिमाचल, गिरिराज, पर्वतराज, हिमाद्रि |
अन्य उदहारण
- तीर- शर, बाण, विशिख, शिलीमुख, अनी, सायक।
- धन- द्रव्य, वित्त, सम्पत्ति, पूंजी।
- नदी- सरिता, तटिनी, तरंगिनी, आपगा, शैलजा।
- नाव- नौका, तरणी, जलयान, पोत, नैया।
- पत्थर- पाषाण, प्रस्तर, उपल, पाहन।
- पति- कांत, ईश, स्वामी, वल्लभ, नाथ।
- पथ- बाट, मार्ग, राह, पंथ।
- बन्दर – कपि, हरि, मर्कट, वानर, शाखामृग।
- पुष्प – कुसुम, सुमन, प्रसून, फूल, गुल।
- सुबह – प्रात:, प्रभात, उषा, अरुणोदय, सवेरा।
- प्रवाल – मूंगा, विद्रुम, रक्तांग, रक्तमणि।
- पृथ्वी – भू, भूमि, अवनि, अचला, धरा, मही।
- ब्रह्म – विधि, विधाता, विरंचि, चतुरानन, प्रजापति।
- बादल – मेघ, घन, जलद, पयोधर, नीरद।
- ब्राह्मण – द्विज, विप्र, भूसुर,भूदेव, महीदेव।
- बिजली – विद्युत, चपला, चंचला, तडित, दामिनी।
- बुद्धि – धी, मेधा, मति, प्रज्ञा, मनीषा।
- भाई – बन्धु, सहोदर, भ्राता, भैया, तात।
- भौंरा – भ्रमर, मधुकर, मधुप, अलि, षट्पद, भृंग।
- मनुष्य – नर, मानव, जन, मनुज, मानुष।
- महादेव – शिव, शंभु, शंकर, पशुपति, त्रिनेत्र, हर, नीलकंठ।
- माता – मां, अम्बा, जननी, प्रसू, मात।
- मुख – आनन, वदन, वक्र, मुंह।
- मूर्ख- मूढ़, जड़, अज्ञानी।
- मेंढ़क – मण्डूक, दादुर, हरि, शालूर, वर्षाभू।
- मृग- कुरंग, सारंग, कस्तूरी, चमरी, कृष्णसार, हरिण।
- युद्ध – रण, समर, संग्राम, जंग, विग्रह, लड़ाई।
- युवक- युवा, तरुण, जवान, नवयुवक, नौजवान।
- रमा- लक्ष्मी, कमला, पद्मा, इन्दिरा, श्री, सिन्धुजा, विष्णुप्रिया।
- रवि – भानु, सूर्य, आदित्य, दिनेश, दिनकर, मार्तण्ड।
- राजा – नृप, भूप, नरेश, महीप, नरेन्द्र, महीन्द्र, महीपाल।
- रात – रात्रि, निशा, रजनी, यामिनी, राका, विभावरी।
- लहर- तरंग, हिलोर, ऊर्मि, वीचि, लहरी।
- विष- जहर, गरल, हलाहल, कालकूट।
- शुक- तोता, कीर, सुग्गा, दाड़िम—प्रिय, सुआ।
- सखी- सहचरी, आली, सजनी, सहेली।
- संध्या- सांझ, शाम, सायं, गोधूलि।
- सर्प- अहि, भुजंग, विषधर,फणी, नाग, उरग।
- समुद्र – सागर, सिंधु, पयोधि, रत्नाकर, पारावार।
- सरस्वती- भारती, शारदा, वीणापाणि, हंसवाहिनी।
- सिंह- शार्दूल, केसरी, हरि, मृगेन्द्र, वनराज, मृगराज।
- सेना – कटक, अनी, चमू, दल, सैन्य, फौज।
- स्वर्ग – सुरलोक, देवलोक, नाग, इन्द्रपुरी, द्यौ।
- स्त्री- नारी, कामिनी, अबला, रमणी, तिय।
- हृदय- उर, हिय, वक्ष, वक्षस्थल।
- हनुमान- पवनसुत, महावीर, मारुति, अंजनिसुत।
- हाथ- हस्त, कर, पाणि, बाहु, भुजा।
- हाथी- गज, हस्ती, कुंजर, मातंग, द्विप, नाग, करि।
- हंस – मराल, चक्रां, कलहंस, कारंडव, सरस्वतीवाहन।
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- उपसर्ग कितने प्रकार के होते हैं?
Conclusion
मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं (Paryayvachi Shabd Kise Kahate Hain) और पर्यायवाची शब्द के उदहारण क्या-क्या हैं, से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!