कारगिल युद्ध के वो 85 दिन… जानिए कब क्या हुआ था!

By HindiQueries

देश में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। ये दिन जुलाई 1999 में कारगिल में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए अपने जान की कुर्बानी देने वाले शहीद भारतीय सैनिकों के बलिदान का सम्मान करने वाला दिन है।

आज से ठीक 23 साल पहले पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा (LOC) के साथ भारतीय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर घुसपैठ शुरू कर दी थी। जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले के पहाड़ी इलाके में पाकिस्तानी सेना के सैकड़ों जवानों और जिहादियों ने घुसपैठ की थी।

दरअसल, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ सैन्य अभियान की योजना बनाई थी। इस योजना को बनाने वालों में पाकिस्तान सेना के तत्कालीन प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ और तीन अन्य जनरलों मोहम्मद अजीज, जावेद हसन और महमूद अहमद शामिल थे।

कारगिल युद्ध की शुरुआत वैसे तो 3 मई को ही हो गई थी, क्योंकि इसी दिन आतंकियों ने घुसपैठ शुरू की थी। युद्ध की समाप्ति 26 जुलाई को हुई और इस तरह कुल 85 दिनों तक दोनों देश आमने-सामने रहे थे।

भारत-पाकिस्तान के बीच असल युद्ध 60 दिनों तक चला, जिसे ‘ऑपरेशन विजय’ के नाम से जानते हैं। ऐसे में आइए कारगिल युद्ध की पूरी टाइमलाइन को जाना जाए।

3 मई 1999 कारगिल के पहाड़ी क्षेत्र में स्थानीय चरवाहों ने कई हथियारबंद पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों को देखा, उन्होंने सेना के अधिकारियों को इसकी सूचना दी।

5 मई 1999 कारगिल के इलाके में घुसपैठ की खबरों के जवाब में भारतीय सेना के जवानों को वहां पर भेजा गया। इस दौरान पाकिस्तानी सैनिकों के साथ लड़ाई के दौरान पांच भारतीय सैनिक शहीद हो गए।

9 मई 1999 पाकिस्तानी सैनिक कारगिल में मजबूत स्थिति में पहुंच चुके थे, यही वजह थी कि कारगिल में भारतीय सेना के गोला-बारूद डिपो को निशाना बनाते हुए पाकिस्तानी सेना ने भारी गोलाबारी की।

10 मई 1999 अगले कदम के रूप में पाकिस्तानी सेना के जवानों ने LOC के पार द्रास और काकसर सेक्टरों सहित जम्मू-कश्मीर के अन्य हिस्सों में घुसपैठ की।

10 मई 1999 इस दिन दोपहर के समय भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ की शुरुआत की। घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए कश्मीर घाटी से अधिक संख्या में सैनिकों को कारगिल जिले में ले जाया गया। वहीं, पाकिस्तानी सेना ने भारत पर हमला करने से इनकार कर दिया।

26 मई 1999 भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई के तहत हवाई हमले शुरू किए. इन हवाई हमलों में कई पाकिस्तानी घुसपैठियों का सफाया कर दिया गया।

1 जून 1999 पाकिस्तानी सेना ने हमलों की रफ्तार को तेज कर दिया और नेशनल हाइवे 1 को निशाना बनाया गया. दूसरी ओर, फ्रांस और अमेरिका ने भारत के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया।

5 जून 1999 भारत ने दस्तावेज जारी किए जो पाकिस्तानी सेना हमले में हाथ होने का खुलासा कर रहे थे।

9 जून 1999 भारतीय सेना के जवानों ने अपनी बहादुरी का प्रदर्शन करते हुए जम्मू-कश्मीर के बटालिक सेक्टर में दो प्रमुख पॉजिशन्स पर दोबारा कब्जा किया।

13 जून 1999 पाकिस्तान को एक बड़ा झटका तब लगा, जब भारतीय सेना ने टोलोलिंग चोटी पर फिर से कब्जा कर लिया. इस दौरान भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कारगिल का दौरा किया।

20 जून 1999 भारतीय सेना ने टाइगर हिल के पास महत्वपूर्ण ठिकानों पर फिर से कब्जा कर लिया।

4 जुलाई 1999 भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर कब्जा किया।

5 जुलाई 1999 पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद कारगिल से पाकिस्तानी सेना के वापस लौटने का ऐलान कर दिया।

12 जुलाई 1999 पाकिस्तानी सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया।

14 जुलाई 1999 भारतीय प्रधानमंत्री ने सेना के ‘ऑपरेशन विजय’ को सफलतापूर्वक पूरा होने का ऐलान किया।

26 जुलाई 1999 पाकिस्तानी सेना के कब्जे वाले सभी पॉजिशन्स को फिर से अपने कब्जे में लेकर भारत इस युद्ध में विजयी हुआ. कारगिल युद्ध 2 महीने तीन हफ्ते से अधिक वक्त तक चला और आखिरकार इस दिन खत्म हुआ।

अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए 500 से अधिक भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी. वहीं, युद्ध के दौरान 3,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक और आतंकियों को ढेर किया गया. 

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