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Inspirational Poem On Mother in Hindi : मां शब्द अपने आप ही मातृत्व से भरा हुआ है। इसका अर्थ सिर्फ और सिर्फ ममता से है। आज के युग में मां की भूमिका दुगुनी हो गई है। तेजी से आते हुए नवीनीकरण को खुद स्वीकारते हुए आज के जमाने में मां बहुत ही प्रगतिशील और हर क्षेत्र में सक्षम है।
आज हर जानकारी गुगल पर उपलब्ध है। ऐसे में उसे यह भी देखना है कि बच्चे के लिए कई उपयोगी है और क्या नहीं। यदि मां कार्य़शील है तो बच्चों को संस्कृति सिखाने का दायित्व उस पर है।
यदि आपको भी अपनी माँ से बहुत ज्यादा प्रेम है, और आप माँ पर कविता हिंदी में (Inspirational Poem On Mother in Hindi) ढूढ़ रहें हैं। तो यहाँ पर हमें माँ पर कविता हिंदी में (Inspirational Poem On Mother in Hindi) दी गयी है जिसे आप पढ़ सकते हैं।
1. Poem on Mother in Hindi (माँ की परिभाषा)
हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है।
हम कुंठित हैं तो वह एक अभिलाषा है।।
बस यही माँ की परिभाषा है...
हम समुंदर का है तेज तो वह झरनों का निर्मल स्वर है। हम एक शूल है तो वह सहस्त्र ढाल प्रखर है।।
हम दुनिया के हैं अंग, वह उसकी अनुक्रमणिका है। हम पत्थर की हैं संग वह कंचन की कृनीका है।।
हम बकवास हैं वह भाषण हैं हम सरकार हैं वह शासन हैं। हम लव कुश है वह सीता है, हम छंद हैं वह कविता है।।
हम राजा हैं वह राज है, हम मस्तक हैं वह ताज है। वही सरस्वती का उद्गम है रणचंडी और नासा है।।
हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है।
बस यही माँ की परिभाषा है।।
लेखक - शैलेश लोढ़ा
2. माँ पर कविता हरिवंश राय बच्चन (Poem on Mother in Hindi by Harivansh Rai Bachchan)
अज मेरा फिरसे मुस्कुराने का मन किया। माँ की उंगली पकड़कर घूमने जाने का मन किया।।
उंगलियां पकड़कर माँ ने मेरी मुझे चलना सिखाया है। खुद गीले में सोकर माँ ने मुझे सूखे बिस्तर पर सुलाया है।।
माँ की गोद में सोने को फिर से जी चाहता है। हाथों से माँ के खाना खाने का जी चाहता है।।
लगाकर सीने से माँ ने मेरी मुझको दूध पिलाया है। रोने और चिल्लाने पर बड़े प्यार से चुप करवया है।।
मेरी तकलीफ में मुझसे ज्यादा मेरी माँ ही रोइ है। खिला-पीला के मुझको माँ मेरी, कभी भूखे पेट भी सोइ है।।
कभी खिलोने से खिलाया है, कभी आँचल में छिपाया है। गलतियां करने पर भी माँ ने मुझे प्यार से समझाया है।।
माँ के चरणों में मुझे जन्नत नज़र आती है। लेकिन माँ मेरी मुझको हमेशा सीने से लगाती है।।
3. माँ के लिए बेटी द्वारा रचित कविता (Poem Written by Daughter for Mother)
अपने नाम से पहले माँ के नाम की समझ थी। अपनी उम्र से पहले घर के काम की समझ थी।।
वो नन्हे नन्हे हाथों से झाड़ू लगाना। रसोई की सफाई करते हाथ बटाना।।
अपने हाथों से मां की आंख ढक के। अपने काम तारीफ करना।।
उसकी हसी पे निसार मेरी जान की समझ थी। अपने नाम से पहले माँ के नाम की समझ थी।।
सोचा ना था के घर बदलना पड़ेगा। माँ के बिना अकेले संकटो से लड़ना पड़ेगा।।
पर वीडियो कॉल पे वो अक्सर मुझे कहती है। “अरे तुम तो मेरी बेटी हो, तुम्हे संभलना पड़ेगा"।।
उसके बातो से पहले कब आसमान की समझ थी। अपने नाम से पहले माँ के नाम की समझ थी।।
4. मेरी माँ (Mother Day Poem in Hindi)
मेरी माँ है वो जो मुझे हसाती-दुलारती। त्याग और मेहनत से मेरे जीवन को सवारती।।
चाहे वह खुद सो जाये भूखे पेट। लेकिन मुझे खिलाती है भरपेट।।
उसकी ममता की नही है कोई सीमा। उससे सीखा है मैने यह जीवन जीना।।
मेरा सुख ही उसका सुख है। मेरा दुख ही उसका दुख है।।
रहती है उसे सदा मेरे तरक्की की अभिलाषा। अब मैं भला क्या बताउ माँ की परिभाषा।।
मेरे जीवन के संकट रुपी धूप से वह टकराती है। मेरे संकट परेशानियों में वह मातृ छाया बन जाती है।।
वह है मेरे हर चिंता को दूर करने वाली। वाकई में मेरे लिये मेरी माँ है सबसे निराली।।
5. ममता की छाव में (Hindi Kavita on Maa)
घुटनो से रेंगते रेंगते कब पैरो पर खड़ा हुआ। तेरी ममता की छाव में ना जाने कब बड़ा हुआ।।
काला टीका दूध मलाई आज भी सब कुछ वैसा हैं। एक मैं ही मैं हूँ हर जगह प्यार ये तेरा कैसा हैं।।
सीदा-सादा , भोला-भाला मैं ही सबसे अच्छा हूँ। कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ।।
कैसा था नन्हा बचपन वो माँ की गोद सुहाती थी। देख देख कर बच्चों को वो फूली नहीं समाती थी।।
ज़रा सी ठोकर लग जाती तो माँ दौड़ी हुई आती थी। ज़ख्मों पर जब दवा लगाती आंसू अपने छुपाती थी।।
जब भी कोई ज़िद करते तो प्यार से वो समझाती थी। जब जब बच्चे रूठे उससे माँ उन्हें मनाती थी।।
खेल खेलते जब भी कोई वो भी बच्चा बन जाती थी। सवाल अगर कोई न आता टीचर बन के पढ़ाती थी।।
सबसे आगे रहें हमेशा आस सदा ही लगाती थी। तारीफ़ अगर कोई भी करता गर्व से वो इतराती थी।।
होते अगर ज़रा उदास हम दोस्त तुरन्त बन जाती थी। हँसते रोते बीता बचपन माँ ही तो बस साथी थी।।
माँ के मन को समझ न पाये हम बच्चों की नादानी थी। जीती थी बच्चों की खातिर माँ की यही कहानी थी।।
6. तू धरती पर ख़ुदा है माँ (Poem On Maa in Hindi)
तू धरती पर ख़ुदा है माँ। पंछी को छाया देती पेड़ों की डाली है तू माँ।।
सूरज से रोशन होते चेहरे की लाली है तू। पौधों को जीवन देती है मिट्टी की क्यारी है तू।।
सबसे अलग सबसे जुदा। माँ सबसे न्यारी है तू।।
तू रोशनी का खुदा है माँ। बंजर धरा पर बारिश की बौछार है तू माँ।।
जीवन के सूने उपवन में कलियों की बहार है तू। ईश्वर का सबसे प्यारा और सुंदर अवतार है तू माँ।।
तू फरिश्तों की दुआ है माँ। तू धरती पर ख़ुदा है माँ।।
7. बड़ी ही जतन से पाला है माँ ने (Poetry On Maa in Hindi)
बड़ी ही जतन से पाला है माँ ने। हर एक मुश्किल को टाला है माँ ने।।
उंगली पकड़कर चलना सिखाया। जब भी गिरे तो संभाला है माँ ने।।
चारों तरफ से हमको थे घेरे। जालिम बड़े थे मन के अंधेरे।।
बैठे हुए थे सब मुंह फेरे। एक माँ ही थी दीपक मेरे जीवन में।।
अंधकार में डूबे हुए थे हम। किया ऐसे में उजाला है माँ ने।।
मिलेगा ना दुनिया में माँ सा कोई। मेरी आंखें बड़ी तो वो साथ रोई।।
बिना उसकी लोरी के न आती थी निंदिया। जादू सा कर डाला है माँ ने।।
बड़ी ही जतन से पाला है माँ ने। हर एक मुश्किल को टाला है माँ ने।।
निष्कर्ष
मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को माँ पर कविता हिंदी में (Inspirational Poem On Mother in Hindi) से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में भी पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें जो लोग अपनी लम्बाई बढ़ाना चाहतें हैं, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!
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