दोस्तों यदि आप भी जानना चाहते हैं कि परिमेय संख्या किसे कहते हैं (Parimey Sankhya Kise Kahate Hain), परिमेय संख्या का सूत्र क्या होता हैं और परिमेय संख्या कैसे निकालते हैं, तो यह लेख पढ़ने के बाद आप लोगों को पता चल जायेगा, अतः अंत तक पढ़े.
परिमेय संख्या किसे कहते हैं (Parimey Sankhya Kise Kahate Hain)
परिमेय संख्याएं वे संख्या होती हैं जिन्हें हम p/q के रूप में लिख सकते हैं। या हम ऐसा कह सकते हैं की जो संख्याएं अंश एवं हर के रूप में लिखी जा सके वे सभी संख्याएं परिमेय संख्याएं कहलाती हैं। यहाँ अंश एवं हर दोनों संख्याएं पूर्णांक होती हैं एवं परिमेय संख्या का हर शून्य के बराबर नहीं हो सकता है।
परिमेय संख्या में p (अंश) एवं q (हर) होता है।
परिमेय संख्या के उदाहरण (Example of Rational Number in Hindi)
परिमेय संख्या के कुछ महत्त्व पूर्ण उदाहरण कक्षा 8 एवं 9 के पुस्तक से सम्मिलित किए गए है।
- 1/2
- 5/7
- 9/3
- 6/5
- 3/5
- 8/9
- 4/3
परिमेय संख्या के गुण-धर्म (Properties of Rational Number in Hindi)
1. एक परिमेय संख्या (जो p/q या अंश एवं हर के रूप में होती है) अगर हम किसी m पूर्णांक को उसके अंश एवं हर दोनों से गुना करें तो वह परिमेय संख्या बिलकुल नहीं बदलेगी अर्थात वैसी कि वैसी रहेगी।
उदाहरण: हम उदाहरण के तौर पर एक परिमेय संख्या 2/3 लेते हैं। अब हम इस परिमेय संख्या के अंश एवं हर दोनों से 3 को गुना करते हैं। इस संख्या को 3 से गुना करने पर हमें 6/9 मिलता है। हमें यह संख्या बदली हुई लगेगी लेकिन अगर हम इस संख्या को इसके सरलतम रूप में लिखेंगे तो यह 2/3 ही बन जायेगी। अर्थात यह संख्या बिलकुल नहीं बदली है।
2. एक परिमेय संख्या (जो p/q या अंश एवं हर के रूप में होती है) अगर हम किसी m पूर्णांक को उसके अंश एवं हर दोनों से भाग देंगे तो वह परिमेय संख्या बिलकुल नहीं बदलेगी अर्थात वैसी कि वैसी रहेगी।
उदाहरण: हम उदाहरण के तौर पर 2/3 को ही लेते हैं जो कि एक परिमेय संख्या अर्थात p/q के रूप में है। अगर हम इस संख्या के अंश एवं हर को किसी समान संख्या उदहारण के तौर पर हम 3 लेते हैं से भाग करते हैं। तो फिर हमारे पास आखिर में 2/3 ही बच जायेगी। अतः हमने देखा की अगर हम एक परिमेय संख्या के अंश एवं हर को एक समान संख्या से भाग देते है तो वह संख्या बिलकुल नहीं बदलती अर्थात वैसे कि वैसी ही रहती है।
धनात्मक एवं ऋणात्मक परिमेय संख्याएं
धनात्मक परिमेय संख्याएं :
वे परिमेय संख्याएं जिनके अंश एवं हर दोनों में ही समान चिन्ह होते हैं। ऐसी संख्याएं धनात्मक परिमेय संख्याएं कहलाती हैं। जैसे: 2/3, 2/5, -5/-7 आदि सभी धनात्मक परिमेय संख्याएं हैं क्योंकि इन संख्याओं के अंश एवं हर में एक जैसे चिन्ह हैं।
ऋणात्मक परिमेय संख्याएं :
ऐसी परिमेय संख्याएं जिनके या तो अंश में या फिर हर में रिनाक्त्मक चिन्ह होता है ऐसी संख्याएं ऋणात्मक परिमेय संख्याएं कहलाती हैं। जैसे: -5/7, 5/-7, -2/3 आदि सभी उदाहरण में सभी ऋणात्मक परिमेय संख्याएं हैं क्योंकि इन संख्याओं के या तो हर में या फिर अंश में ऋणात्मक चिन्ह है।
परिमेय संख्या का संख्या रेखा पर निरूपण
परिमेय संख्या (Parimey sankhya) को संख्या रेखा पर निरूपण करने के लिए,
परिमेय संख्या का सूत्र (Formula of Rational Number in Hindi)
हम उदाहरण के तौर पर 48/72 को लेते हैं हम देख सकते हैं ये एक परिमेय संख्या है लेकिन हमें यह भी पता है कि ये अपने सरलतम रूप में नहीं है। अभी इसे और सरल किया जा सकता है।
अतः हम इसे इसके सरलतम रूप में लिखेंगे जो कि 2/3 है। अतः जो परिमेय संख्याओं का मानक रूप उनका सरलतम रूप होता है। अगर एक परिमेय संख्या अपने सरलतम रूप में नहीं है तो वह अपने मानक रूप में नहीं है।
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Conclusion
मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को परिमेय संख्या किसे कहते हैं (Parimey Sankhya Kise Kahate Hain), परिमेय संख्या का सूत्र क्या होता हैं और परिमेय संख्या कैसे निकालते हैं, से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!