OBC Bill 2021 क्या है, आरक्षण, संशोधन, लोकसभा, बिल पास, लिस्ट, लाभ, नुकसान, सुप्रीम कोर्ट फैसला (OBC Reservation Amendment Bill Passed), (127th Constitutional Amendment Bill, Kya hai, Lok Sabha, Details, Benefits, Side Effects, Status in Hindi), OBC Bill 2021 Kya Hai
हाल ही में आप समाचारों में ओबीसी विधेयक के बारे में सुन रहे हैं, यह विधेयक राज्य सरकार को ओबीसी सूची बनाने का अधिकार देने के बारे में है। जिसे आज यानी 10 अगस्त को लोकसभा में पास कर दिया गया है. इसका फायदा ज्यादातर राज्यों को मिलेगा। दरअसल, साल 2018 तक ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने ओबीसी लिस्ट तैयार की थी।
लेकिन 2018 में हुए विवाद और विपक्षी पार्टियों के दबाव के चलते यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया. 5 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया। लेकिन केंद्र सरकार कोर्ट के इस फैसले से सहमत नहीं थी। इसलिए उन्होंने नया ओबीसी बिल बनाया है। यह बिल क्या है और इससे क्या बदलाव आएंगे, इसकी पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी।
लोकसभा से संविधान (127वां) संशोधन बिल The Constitution (One Hundred and Twenty Seventh) Amendment Bill पारित हो गया है। इस विधेयक को संसद ने मतों के विभाजन के माध्यम से पारित किया है। इस बिल के पक्ष में 385 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में कोई वोट नहीं पड़ा। यानी बिल को कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पास किया गया।
इससे पहले विधेयक पर विस्तार से चर्चा हुई। चर्चा के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि इस विधेयक के आने के बाद राज्य सरकारों को ओबीसी सूची तैयार करने का अधिकार मिल जाएगा और राज्य सरकारें मराठा आरक्षण जैसे मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगी। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने भी इस बिल का समर्थन किया है। इसके साथ ही विपक्षी दलों ने सदन में आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाने की भी मांग की है।
इस सत्र में यह पहला दिन था जब किसी विधेयक पर शांतिपूर्वक चर्चा हुई। ओबीसी से जुड़े इस बिल का पूरे विपक्ष ने समर्थन किया। इसके साथ ही कुछ दलों ने सरकार से मांग भी की है कि ओबीसी आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की भी व्यवस्था की जाए।
OBC Bill 2021 Reservation Amendment
नाम | ओबीसी आरक्षण बिल |
बिल पास | केंद्रीय कैबिनेट के द्वारा |
बिल पास सदन | लोकसभा |
बिल पास की तारीख | 4 अगस्त 2021 |
लाभ | राज्य सरकार को ओबीसी सूची बनाने का मिलेगा पूरा अधिकार |
आरक्षण का क्या अर्थ है? (What is the meaning of reservation)
आरक्षण (Reservation) का अर्थ अपना जगह सुरक्षित करना है। यात्रा करने के लिए रेल का डिब्बा हो, किसी भी स्तर पर चुनाव लड़ना हो या फिर किसी सरकारी विभाग में नौकरी पाना हो। हर किसी की इच्छा होती है उस स्थान पर शख्स की जगह सुरक्षित हो।
ओबीसी बिल क्या है? (What is OBC Bill in Hindi)
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने 102वें संशोधन को ध्यान में रखते हुए ओबीसी आरक्षण सूची तैयार करने पर अपना फैसला सुनाया था। इसलिए इस विधेयक में सबसे पहले संविधान के 102वें अधिनियम में संशोधन की बात स्पष्ट की गई है। इसमें कहा गया है कि विधेयक के पारित होते ही राज्य सरकार को एक बार फिर ओबीसी समूह को सूचीबद्ध करने का अधिकार मिल जाएगा। यानी यह विधेयक 102वें संविधान में संशोधन है, जो राज्य सरकार को ओबीसी सूची तैयार करने का अधिकार देगा। इसे 127वां संविधान संशोधन कहा जा सकता है।
1993 से केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों मिलकर ओबीसी सूची तैयार करते थे, लेकिन 2018 में संविधान में संशोधन के कारण यह काम ठीक से नहीं हो पा रहा था। इसीलिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर पुरानी व्यवस्था को लागू करने के लिए इस बिल को पास किया है, ताकि 2018 में संविधान में हुए बदलावों को एक बार फिर से ठीक किया जा सके। इस बिल को पास करने के पीछे सरकार का एक ही कहना है कि इसके बाद पुरानी व्यवस्था एक बार फिर लागू हो जाएगी। इस विधेयक के तहत अनुच्छेद 342A और 338B और 366 में भी बदलाव होंगे।
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आरक्षण क्यों दिया जाता है?
भारत में सरकारी सेवाओं और संस्थानों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं पाने वाले पिछड़े समुदायों और अनुसूचित जातियों और जनजातियों के सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए, भारत सरकार ने सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को छोड़कर सभी सार्वजनिक और शैक्षणिक संस्थानों को मंजूरी दे दी है और धार्मिक/भाषाई अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान। निजी शिक्षण संस्थानों में पदों और सीटों का प्रतिशत आरक्षित करने के लिए कोटा प्रणाली शुरू की गई है। आरक्षण नीति को भारत की संसद में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व के लिए भी बढ़ा दिया गया है।
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ओबीसी बिल में क्या होगा बदलाव
OBC Reservation Amendment Bill विधेयक से संबंधित इस संशोधन के बाद राज्य सरकारों को ओबीसी की सूची में किसी भी जाति को जोड़ने का अधिकार मिल जाएगा। इस विधेयक के पारित होने के बाद अब किसी भी जाति को ओबीसी आरक्षण की सूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार के पास आने की जरूरत नहीं होगी।
OBC Reservation Amendment Bill Rules
नियम के अनुसार, संविधान संशोधन विधेयक के रूप में, इसे सदन के कुल सदस्यों की संख्या के बहुमत से या सदन में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित किया जाना था। लोकसभा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि संसद में सभी दलों के सांसदों से मुलाकात हुई। सदन में इस संवैधानिक संशोधन के पक्ष में। समर्थन का स्वागत है।
देश में आरक्षण की वर्तमान स्थिति क्या है?
मौजूदा दौर में अगर भारत में आरक्षण की स्थिति की बात करें तो केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा में 49.5% आरक्षण दिया है। वहीं अलग-अलग राज्य आरक्षण बढ़ाने के लिए कानून बना सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार आरक्षण 50% से अधिक नहीं दिया जा सकता है, लेकिन राजस्थान और तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों ने क्रमशः 68 फीसदी और 87 फीसदी तक आरक्षण का प्रस्ताव दिया है, जिसमें अगड़ी जातियों के लिए 14% आरक्षण शामिल है।
भारत में आरक्षण के प्रकार
भारत में कई तरह से आरक्षण देने का प्रावधान है। जैसे जाति आधारित आरक्षण, प्रबंधन कोटा, लिंग आधारित आरक्षण, धर्म आधारित आरक्षण, राज्य के स्थायी निवासियों के लिए आरक्षण, स्नातक के लिए आरक्षण, सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए आरक्षण सहित अन्य मानदंड आरक्षण, शहीदों के परिवारों के लिए आरक्षण और बच्चों के लिए आरक्षण शामिल हैं। अंतर्जातीय विवाह से पैदा हुए।
ओबीसी बिल के फायदे (Benefits of OBC Bill)
इस बिल के पास होने से सबसे ज्यादा लाभ या यू कहे कि फायदे राज्य सरकार को प्राप्त होंगे। इस बिल के पास होने से निम्न फायदे होंगे:-
- राज्य सरकार अपने राज्य के अनुसार अलग-अलग जातियों के आधार पर लोगों को ओबीसी कोटे में स्वतंत्र रूप से रख सकेगी।
- इस विधेयक के पारित होने से एक बार फिर से पुराना कानून लागू हो जाएगा, जिसके तहत राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों को ओबीसी सूची बनाने का अधिकार मिल जाएगा।
- इस बिल के बाद महाराष्ट्र में मराठा, हरियाणा में जाट, गुजरात में पटेल, राजस्थान में गुर्जर, कर्नाटक में लिंगायत आदि को ओबीसी आरक्षण मिल सकेगा।
- इस बिल के पारित होने के बाद सुप्रीम कोर्ट आरक्षण पर किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर पाएगा।
- चूंकि इस बिल के पास होने से राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों को फायदा होगा, इसलिए विपक्षी दल भी इस बिल का समर्थन कर रहे हैं।
ओबीसी बिल के नुकसान (Side Effect of OBC Bill)
हालांकि इस बिल के जारी होने के बाद कोई अतिशयोक्ति नहीं दिखाई जा रही है, लेकिन कुछ विपक्षी दलों और सुप्रीम कोर्ट को इससे परेशानी हो सकती है। क्योंकि इस बिल से राज्य सरकार को फायदा हो रहा है, इसलिए वे इस पर कोई राय नहीं दे रहे हैं।
Frequently Asked Question
1. OBC बिल 2021 क्या है?
उत्तर :- राज्य सरकारों को अपने राज्य की ओबीसी सूची तैयार करने का अधिकार देना।
2. OBC बिल को किसने पास किया है?
उत्तर :- OBC Bill को केंद्र सरकार ने पास किया है।
3. ओबीसी को कितना आरक्षण प्रदान किया गया है?
उत्तर :- 50%
4. संसद में कितने ओबीसी सांसद हैं?
उत्तर :- लगभग 39%
अंतिम प्रक्रिया
मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को OBC Bill Reservation Amendment 2021 | ओबीसी बिल आरक्षण, संशोधन से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!