Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain: क्रिया के भेद

दोस्तों यदि आप भी जानना चाहते हैं कि क्रिया की परिभाषा क्या हैं (Kriya Ki Paribhasha), और क्रिया के भेद कितने होते है (Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain) तो यह लेख पढ़ने के बाद आप लोगों को पता चल जायेगा, अतः अंत तक पढ़े.

Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain: क्रिया के भेद
Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain: क्रिया के भेद

क्रिया की परिभाषा (Kriya Ki Paribhasha)

ऐसे शब्द जो हमें किसी काम के करने या होने का बोध कराते हैं, वे शब्द क्रिया कहलाते हैं। जैसे – पढ़ना, लिखना, खाना, पीना, खेलना, सोना आदि।

हिंदी के किसी वाक्य में क्रिया के शब्द से किसी कार्य का भूतकाल में समाप्त हो जाने, किसी कार्य का वर्तमान में चलने या किसी कार्य का भविष्य में होने का बोध भी हो सकता है यानी कोई काम या तो पूरा हो चुका हो या अभी चल रहा हो या भविष्य में होने वाला हो तीनों ही प्रकार के कार्य क्रिया कहलाएंगे।

उदाहरण:

  • राकेश गाना गाता है।
  • मोहन पुस्तक पढता है।
  • मनोरमा नाचती है।
  • मानव धीरे-धीरे चलता है।
  • घोडा बहुत तेज़ दौड़ता है।

ऊपर दिए गए वाक्यों में गाता है, पढता है, नाचती है, दौड़ता है, चलता है आदि शब्द किसी काम के होने का बोध करा रहे हैं। अतः यह क्रिया कहलायेंगे।

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क्रिया के भेद (Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain)

क्रिया के भेद कर्म के आधार पर और रचना के आधार पर अलग-अलग होते हैं। क्रिया को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है।

कर्म जाती तथा रचना के आधार पर क्रिया के भेद

कर्म जाती तथा रचना के आधार पर क्रिया के मुख्यतः दो भेद होते है :

  1. अकर्मक क्रिया
  2. सकर्मक क्रिया।

1. अकर्मक क्रिया

जिस क्रिया का फल कर्ता पर ही पड़ता है वह क्रिया अकर्मक क्रिया कहलाती हैं। इस क्रिया में कर्म का अभाव होता है। जैसे : श्याम पढता है।

इस वाक्य में पढने का फल श्याम पर ही पड़ रहा है। इसलिए पढता है अकर्मक क्रिया है। जिन क्रियाओं को कर्म की जरूरत नहीं पडती या जो क्रिया प्रश्न पूछने पर कोई उत्तर नहीं देती उन्हें अकर्मक क्रिया कहते हैं।

अथार्त जिन क्रियाओं का फल और व्यापर कर्ता को मिलता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं।

अकर्मक क्रिया के उदाहरण :

  • राजेश दौड़ता है।
  • सांप रेंगता है।
  • पूजा हंसती है।
  • मेघनाथ चिल्लाता है।
  • रावण लजाता है।
  • राम बचाता है।

जैसा कि आप ऊपर दिएगए उदाहरणों में देख सकते हैं कि दौड़ता हैं, रेंगता है, हंसती है, चिल्लाता है, बचाता है, आदि  वाक्यों में कर्म का अभाव है एवं क्रिया का फल करता पर ही पड़ रहा है। अतः यह उदाहरण अकर्मक क्रिया के अंतर्गत आयेंगे।

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2. सकर्मक क्रिया

जिस क्रिया में कर्म का होना ज़रूरी होता है वह क्रिया सकर्मक क्रिया कहलाती है। इन क्रियाओं का असर कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है। सकर्मक अर्थात कर्म के साथ।

जैसे : विकास पानी पीता है। इसमें पीता है (क्रिया) का फल कर्ता पर ना पडके कर्म पानी पर पड़ रहा है। अतः यह सकर्मक क्रिया है।

सकर्मक क्रिया के उदाहरण :

  • रमेश फल खाता है।
  • सुदर्शन गाडी चलाता है।
  • मैं बाइक चलाता हूँ।
  • रमा सब्जी बनाती है।
  • सुरेश सामान लाता है।

जैसा कि आप ऊपर दिए गये उदाहरणों में देख सकते हैं कि क्रिया का फल कर्ता पर ना पडके कर्म पर पड़ रहा है। अतः यह उदाहरण सकर्मक क्रिया के अंतर्गत आयेंगे।

सकर्मक क्रिया के भेद :

  1. एककर्मक क्रिया : जिस क्रिया में एक ही कर्म हो तो वह एककर्मक क्रिया कहलाती है। जैसे: तुषार गाडी चलाता है। इसमें चलाता(क्रिया) का गाडी(कर्म) एक ही है। अतः यह एककर्मक क्रिया के अंतर्गत आएगा।
  2. द्विकर्मक क्रिया : जिस क्रिया में दो कर्म होते हैं वह द्विकर्मक क्रिया कहलाती है। पहला कर्म सजीव होता है एवं दूसरा कर्म निर्जीव होता है। जैसे: श्याम ने राधा को रूपये दिए। ऊपर दिए गए उदाहरण में देना क्रिया के दो कर्म है राधा एवं रूपये। अतः यह द्विकर्मक क्रिया के अंतर्गत आएगा।

संरचना के आधार पर क्रिया के भेद

संरचना के आधार पर क्रिया के चार भेद होता है :

  1. प्रेरणार्थक क्रिया :  जिस क्रिया से यह ज्ञात हो कि कर्ता स्वयं काम ना करके किसी और से काम करा रहा है। जैसे: पढवाना, लिखवाना आदि।
  2. नामधातु क्रिया :  ऐसी धातु जो क्रिया को छोड़कर किन्ही अन्य शब्दों जैसे संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि से बनती है वह नामधातु क्रिया कहते हैं। जैसे: अपनाना, गर्माना आदि।
  3. सयुंक्त क्रिया : ऐसी क्रिया जो किन्ही दो क्रियाओं के मिलने से बनती है वह सयुंक्त क्रिया कहलाती है। जैसे: खा लिया, चल दिया, पी लिया आदि।
  4. कृदंत क्रिया : जब किसी क्रिया में प्रत्यय जोड़कर उसका नया क्रिया रूप बनाया जाए तब वह क्रिया कृदंत किया कहलाती है। जैसे दौड़ना, भागता आदि।

Conclusion

मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को क्रिया की परिभाषा क्या हैं (Kriya Ki Paribhasha), और क्रिया के भेद कितने होते है (Kriya Ke Kitne Bhed Hote Hain) से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!

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