कुमार विश्वास की कविताएं (Kumar Vishwas Ki Kavitayen), कुमार विश्वास की कविता, कुमार विश्वास की गजलें, कुमार विश्वास की देशभक्ति कविता, कुमार विश्वास की नई कविता, कुमार विश्वास की देशभक्ति कविताएं, Kumar Vishwas Ki Gazal, Kumar Vishwas Ki Kavita, Kumar Vishwas Famous Poem in Hindi, Kumar Vishwas Poem Lyrics, Kumar Vishwas Poetry Lyrics, Dr Kumar Vishwas Poetry
कुमार विश्वास एक भारतीय हिन्दी कवि, वक्ता और सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता हैं। वे युवाओं के अत्यन्त प्रिय कवि हैं। कुमार विश्वास की कविताएँ हमारे जीवन में प्रेरणा का बहुत हीं सटीक माध्यम हैं। हम उनकी कविताओं से बहुत हीं अच्छी सीख ले सकते हैं।
Kumar Vishwas Ki Kavitayen | कुमार विश्वास की कविताएं
यहाँ हमने कुमार विश्वास की 5 सबसे ज्यादा प्रचलित कविताएं लिखी हैं। चलिए पढ़ते हैं –
कोई दीवाना कहता है! (कविता 01)
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है!
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है!!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है!
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है!!
मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है!
कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है!!
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं!
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है!!
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नही सकता!
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता!!
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले!
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता!!
भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा!
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा!!
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का!
मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा!!
Also Read – मम्मी की रोटी गोल गोल कविता
ख्वाब या हकीकत (कविता 02)
भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा,
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा,
अभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मुहब्बत का,
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा।
कभी कोई जो खुलकर हँस लिया दो पल तो हंगामा,
कोई ख़्वाबों में आकर बस लिया दो पल तो हंगामा,
मैं उससे दूर था तो शोर था साजिश है, साजिश है,
उसे बाहों में खुलकर कस लिया दो पल तो हंगामा।
जब आता है जीवन में ख्लायातों का हंगामा,
ये जज्बातों, मुलाकातों हँसी रातों का हंगामा,
जवानी के क़यामत दौर में यह सोचते हैं सब,
ये हंगामे की रातें हैं या है रातों का हंगामा।
कलम को खून में खुद के डुबोता हूँ तो हंगामा,
गिरेबां अपना आँसू में भिगोता हूँ तो हंगामा,
नहीं मुझ पर भी जो खुद की खबर वो है जमाने पर,
मैं हँसता हूँ तो हंगामा, मैं रोता हूँ तो हंगामा।
इबारत से गुनाहों तक की मंजिल में है हंगामा,
ज़रा – सी पी के आए बस तो महफ़िल में है हंगामा,
कभी बचपन, जवानी और बुढ़ापे में है हंगामा,
जेहन में है कभी तो फिर कभी दिल में है हंगामा।
हुए पैदा तो धरती पर हुआ आबाद हंगामा,
जवानी को हमारी कर गया बर्बाद हंगामा,
हमारे भाल पर तकदीर ने ये लिख दिया जैसे,
हमारे सामने है और हमारे बाद हंगामा।
Also Read – लालाजी ने केला खाया कविता
बाँसुरी चली आओ (कविता 03)
तुम अगर नहीं आई गीत गा न पाऊँगा,
साँस साथ छोडेगी, सुर सजा न पाऊँगा,
तान भावना की है शब्द-शब्द दर्पण है,
बाँसुरी चली आओ, होंठ का निमंत्रण है।
तुम बिना हथेली की हर लकीर प्यासी है,
तीर पार कान्हा से दूर राधिका-सी है,
रात की उदासी को याद संग खेला है,
कुछ गलत ना कर बैठें मन बहुत अकेला है,
औषधि चली आओ चोट का निमंत्रण है,
बाँसुरी चली आओ, होंठ का निमंत्रण है।
तुम अलग हुई मुझसे साँस की ख़ताओं से,
भूख की दलीलों से वक्त की सज़ाओं से,
दूरियों को मालूम है दर्द कैसे सहना है,
आँख लाख चाहे पर होंठ से न कहना है,
कंचना कसौटी को खोट का निमंत्रण है,
बाँसुरी चली आओ, होंठ का निमंत्रण है।
Also Read – आलू कचालू बेटा कहां गए थे कविता
सब तमन्नाएँ हों पूरी (कविता 04)
आसमाँ चूमे मेरे पँख तेरी रहमत से,
और किसी पेड़ की डाली पर रिहाइश भी रहे।
उसने सौंपा नहीं मुझे मेरे हिस्से का वजूद,
उसकी कोशिश है की मुझसे मेरी रंजिश भी रहे।
मुझको मालूम है मेरा है वो मै उसका हूँ,
उसकी चाहत है की रस्मों की ये बंदिश भी रहे।
मौसमों में रहे विश्वास के कुछ ऐसे रिश्ते,
कुछ अदावत भी रहे थोड़ी नवाज़िश भी रहे।
उनकी ख़ैरो-ख़बर नही मिलती (कविता 05)
उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती,
हमको ही खासकर नहीं मिलती।
शायरी को नज़र नहीं मिलती,
मुझको तू हीं अगर नहीं मिलती।
रूह मे, दिल में, जिस्म में, दुनिया
ढूंढता हूँ मगर नहीं मिलती।
लोग कहते हैं रुह बिकती है,
मै जिधर हूँ उधर नहीं मिलती।
मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को कुमार विश्वास की कविताएं (Kumar Vishwas Ki Kavitayen) पसंद आई होंगी। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के साथ भी जरूर share करें जो लोग कुमार विश्वास की कविताएं पढ़ना चाहतें हैं, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!