Globe Kya Hai : दोस्तों कैसे हैं आप सभी लोग मैं उम्मीद करता हूँ कि आप सभी लोग अच्छे होंगे और आपकी पढ़ाई भी अच्छे से चल रही होगी तो यदि आप आप भी जानना चाहतें हैं कि ग्लोब क्या है (Globe Kya Hai) तो आप सही जगह पर आये हैं इस लेख में हम आपको ग्लोब क्या है और ग्लोब से जुडी सभी जरूरी जानकारियों के बारे में बतायेंगे।
ग्लोब क्या है – Globe Kya Hai
ग्लोब (Globe), पृथ्वी का लघु रूप में एक वास्तविक प्रतिरूप (Model) होता है। जैसे हमारी पृथ्वी गोलाकार है, दूसरी ओर जिस प्रकार हमारी पृथ्वी 66½ डिग्री झुकी हुई है, उसी प्रकार ग्लोब भी बना है। यह आपको स्कूल, कॉलेज, सरकारी संस्था आदि जगहों पर देखने को मिल जाएगा। वास्तव में ग्लोब लघु रूप में पृथ्वी का एक वास्तविक प्रतिरूप है। ग्लोब पर देशों, महाद्वीपों तथा महासागरों को उनके सही आकार में दिखाया जाता है।
ग्लोब को विशेष रूप से स्केल की मदद से बनाया गया है। क्योंकि इतनी बड़ी धरती को एक छोटे से ग्लोब में दिखाने के लिए पैमाने की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए, यदि आप 1 मीटर की सड़क को 1 सेमी के रूप में खींच रहे हैं, तो इसमें पैमाना 1:100 है। इसी तरह, एक छोटे से ग्लोब में पृथ्वी जैसी बड़ी चीजों को दिखाने के लिए स्केल की मदद ली जाती है।
ग्लोब के प्रकार – Types of Globe
- Terrestrial Globe
- Celestial Globe
1. Terrestrial Globe
जो ग्लोब पृथ्वी जैसा ग्लोब बनाया जाता है उसको हम Terrestrial Globe कहते हैं। इस तरह के ग्लोब में आप सभी देशों, नदियां, प्रमुख शहरों आदि के बारे में जानकारी पा सकते हैं।
2. Celestial Globe
यह उल्लेखनीय सितारों को दिखाता है। इसमें अन्य प्रमुख खगोलीय पिंडों की स्थिति को भी देखा सकता है।
ग्लोब का आविष्कार कब हुआ?
इसका इतिहास बहुत पुराना है। “ग्लोब” शब्द लैटिन के शब्द से बनाया गया है। उस लैटिन शब्द का नाम Globus है। Globus का मतलब लैटिन में गोलाकार होता है। पृथ्वी को अन्तरिक्ष से देखने पर गोलाकार ही लगता है, इसलिए इसे ग्लोब कहा जाता है।
ग्लोब और मानचित्र अंतर
असल में ग्लोब ओर मानचित्र दोनों एक ही प्रकार की जानकारी देते हैं लेकिन भौतिक रूप से ग्लोब और मानचित्र में बड़ा अंतर होता है। ग्लोब को आप Three Dimensional Figure कह सकते हैं जबकि मानचित्र Two Dimensional होता है। ग्लोब को ऐसे बनाया जाता है ताकि ये पृथ्वी के तरह लगे जबकि मानचित्र में ऐसा नहीं होता है। हालांकि मानचित्र में आप ग्लोब के जैसा ही सब कुछ देख सकते है।
ग्लोब का उपयोग – Globe Ka Upyog
एक ‘ग्लोब’ पृथ्वी का एक मॉडल है, यानी पृथ्वी जैसी आकृति का एक मॉडल, जो पृथ्वी के आकार का सटीक रूप से प्रतिनिधित्व करता है। ग्लोब की सहायता से हम ठीक-ठीक जान सकते हैं कि पृथ्वी का आकार गोलाकार है। यह पृथ्वी की स्थिति को देखने और समझने में सक्षम होता है। जैसे –
- पृथ्वी का आकार गोलाकार है।
- पृथ्वी अपनी धुरी पर सीधी नहीं है, बल्कि झुकी हुई है (231/2 डिग्री)।
- पृथ्वी ध्रुवों पर थोड़ी चपटी है।
- अपनी धुरी पर पृथ्वी का घूमना।
- ग्लोब पर खींची गई क्षैतिज और लंबवत रेखाओं की विशेषताएं।
- ग्लोब पर कई रंग दिखाई देते हैं, जिनमें नीला रंग सबसे ज्यादा दिखाई देता है।
- पृथ्वी पर महाद्वीपों, महासागरों, द्वीपों, प्रमुख पर्वतों, देशों आदि की स्थिति जानने के लिए।
- पृथ्वी पर दिन और रात इत्यादि।
ग्लोब की आवश्यकता
जब हम पूरी पृथ्वी की बात करते हैं तब हम ग्लोब के माध्यम से इसे आसानी से समझ सकते हैं। जब हम पृथ्वी के किसी विशेष स्थान या किसी छोटे भाग जैसे गाँव, जिले, राज्य, देश आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें ग्लोब या मानचित्र की जरूरत पड़ती है। क्योंकि मानचित्र के माध्यम से हम किसी भी भू-भाग को आसानी से समझ सकते हैं। इसलिए हमें ग्लोब की जरूरत पड़ती है।
ग्लोब से सम्बन्धित प्रश्न
1. ग्लोब क्या है?
ग्लोब (Globe), पृथ्वी का लघु रूप में एक वास्तविक प्रतिरूप (Model) होता है।
2. ग्लोब के निर्माता कोन है?
मार्टिन बेहैम।
3. ग्लोब कितने साल पहले बना था?
ग्लोब को सन् 1492 में बनाया गया था।
4. ग्लोब किसका प्रतिरूप है?
यह पृथ्वी का लघु रूप में एक वास्तविक प्रतिरूप (Model) होता है।
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Conclusion
हमने आपको ग्लोब क्या है (Globe Kya Hai) के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है। हम उम्मीद करते हैं कि ग्लोब क्या है (Globe Kya Hai) आर्टिकल आप सभी को पसंद आया होगा। यदि यह लेख आपको अच्छे लगे तो उन सभी लोगों के साथ जरूर share करें जो लोग ग्लोब के बारे में जानना चाहतें हैं।