विटामिन D3 की कमी के लक्षण: विटामिन डी (Vitamin D) एक ऐसा शब्द है जिससे सब अवगत है क्योंकि विटामिन डी की कमी स्वास्थ्य से जुड़ी आम समस्या बन गई है। असल में विटामिन डी वसा घुलनशील होता है जिसका सीधा स्रोत सूर्य की रोशनी या किरणें होती हैं। सबसे मुश्किल बात ये है कि प्राकृतिक तरीके से इसकी कमी की पूर्ती नहीं की जा सकती है यानि धूप काफी नहीं होती है। इसीलिए आजकल विटामिन डी(Vitamin D) की कमी होने लगी है.
विटामिन डी, दो प्रकार के होते हैं, जो विटामिन डी2 (Vitamin D2) और विटामिन डी3 (Vitamin D3) के नाम से जाना जाता है। शरीर को विटामिन डी2 (Vitamin D2) और विटामिन डी3 (Vitamin D3) दोनों की जरूरत होती है और दोनों मिलकर विटामिन डी की जरूरत को पूरा करते हैं। विटामिन डी3 पशुओं से मिलता है, जैसे- मछली, फिश ऑयल, अंडे की जर्दी, मक्खन और डायटरी सप्लीमेंट्स तो डी2 पौधों से जैसे- मशरूम (लेकिन जो धूप में उगे हुए होते हैं) और फॉर्टिफाइड फूड्स से मिलता है।
आज के इस आर्टिकल में हम विटामिन D3 की कमी के लक्षण (Vitamin D3 Ki Kami Ke Lakshan) के बारे में विस्तार से जानेंगे. अतः यदि आप भी विटामिन D3 की कमी का सामना कर रहे है और आप को नहीं पता की कैसे पता लगाये की आपके शारीर में विटामिन D3 की कमी है या नहीं, तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े.
विटामिन डी3 की कमी क्यों होती है?
विटामिन डी3 की कमी के कारण निम्नलिखित है:
1. विटामिन डी3 की कमी मूल रूप से इसलिए होती है क्योंकि शरीर इस विटामिन का निर्माण तभी करता है जब यह सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आता है। इसलिए, यदि आप कम से कम सूर्य के प्रकाश के संपर्क में हैं या घर पर रहते हैं, तो आपको विटामिन डी3 की कमी होने की अधिक संभावना है। यदि सिर ढकने या ऐसा काम करने की प्रथा है कि आप कम धूप के संपर्क में हैं या ऐसी जगह पर रहते हैं जहाँ धूप कम है, तो विटामिन डी 3 की कमी होने की संभावना अधिक होती है। ऐसा होता है।
2. अगर त्वचा का रंग गहरा या गहरा है, तो त्वचा का मेलेनिन सूर्य की किरणों को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है और जिसके कारण विटामिन डी बनाने की प्रक्रिया में बाधा आती है।
3. दरअसल, हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम और विटामिन डी3 की जरूरत होती है और किडनी कैल्सीटेरोल नामक हार्मोन का उत्पादन करती है जो हड्डियों को खून से कैल्शियम की सही मात्रा लेने में मदद करता है, इसलिए जब किडनी ठीक से काम नहीं करती है। विटामिन डी3 अपना काम नहीं कर पाता है। जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
4. अक्सर ऐसा भी होता है कि वसा कोशिकाएं रक्त से विटामिन डी3 को अवशोषित कर लेती हैं, जिसके कारण विटामिन डी की कमी हो जाती है, यानी बॉडी मास इंडेक्स जितना अधिक होगा, शरीर में विटामिन डी की कमी उतनी ही अधिक होगी।
विटामिन D3 की कमी के लक्षण (Vitamin D3 Ki Kami Ke Lakshan)
विटामिन डी3 की कमी के कुछ प्राथमिक लक्षण भी होते हैं। जो वैसे तो इतने आम हैं कि इसकी कमी को समझना मुश्किल हो जाता है। विटामिन के मूल कार्य कोशिका वृद्धि को बढ़ावा देना, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना, सूजन को कम करना और सामान्य अस्थि खनिज घनत्व (बीएमडी) को बनाए रखना है।
विटामिन D3 की कमी के लक्षण निम्नलिखित है:
- बार-बार बीमार पड़ना- विटामिन डी की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे बार-बार सर्दी-खांसी या बुखार या फेफड़ों की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
- बहुत थकान महसूस होना- शरीर में विटामिन डी की कमी होने के कारण थकान महसूस होना सबसे आम लक्षण है। इससे हमेशा सोने या कोई काम करने की ऊर्जा नहीं रहती है।
- पीठ, मांसपेशियों या हड्डियों में दर्द – जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है कि विटामिन डी हड्डियों को स्वस्थ रहने में मदद करता है, इसलिए विटामिन डी की कमी से जोड़ों या पीठ या मांसपेशियों में दर्द होता है।
- हड्डियों के टूटने की संभावना- विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए इसकी कमी से खासकर बुढ़ापे में हड्डियां बार-बार टूटने लगती हैं।
- रिकेट्स या सूखा रोग – वैसे तो आजकल इस रोग के होने की संभावना न के बराबर हो गई है, लेकिन इसकी अधिकता से बच्चों में रिकेट्स होने की संभावना बढ़ जाती है।
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किस उम्र में कितने विटामिन डी की होती है ज़रुरत?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian council of medical research) के अनुसार भारतीयों के लिए RDA (Recommended Dietary Allowance) की मात्रा* उम्र के हिसाब से जो होनी चाहिए वह निम्नलिखित है-
- 1-50 साल : 5 माइक्रोग्राम्स (200 IU)
- 50 साल या उससे ज्यादा : 10 माइक्रोग्राम (400 IU)
- गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माँ : 5 माइक्रोग्राम (200 IU)
Disclaimer : यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं। यहाँ पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। चिकित्सा परीक्षण और उपचार के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। HindiQueries.Com इस जानकारी की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
Conclusion
मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को विटामिन D3 की कमी के लक्षण (Vitamin D3 Ki Kami Ke Lakshan) से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!