पर्यावरण पर निबंध – नमस्कार दोस्तों कैसे है आप सभी? मैं आशा करता हु की आप सभी अछे ही होंगे. दोस्तों क्या आप पर्यावरण पर निबंध (aryavaran Par Nibandh) लिखना चाहते हैं? यदि हाँ तो आप बिलकुल सही जगह पर आये हैं। इस पोस्ट में हम आपके लिए Short Essay लेकर आये हैं जो की बहुत ही सरल भाषा में लिखे गये हैं। हमें उम्मीद है आपको ये पर्यावरण पर निबंध पसंद आयेंगे। आप इस निबंध को स्कूल-कॉलेज या प्रतियोगिता आदि में लिख सकते हैं।
पर्यावरण पर निबंध (300 शब्द)
परिचय
पर्यावरण में वह सभी प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं जो कई तरीकों से हमारी मदद करते हैं तथा चारों ओर से हमें घेरे हुए हैं। यह हमें बढ़ने तथा विकसित होने का बेहतर माध्यम देता है, यह हमें वह सब कुछ प्रदान करता है जो इस ग्रह पर जीवन यापन करने हेतु आवश्यक है। हमारा पर्यावरण भी हमसे कुछ मदद की अपेक्षा रखता है जिससे की हमारा लालन पालन हो, हमारा जीवन बना रहे और कभी नष्ट न हो। तकनीकी आपदा के वजह से दिन प्रति दिन हम प्राकृतिक तत्व को अस्वीकार रहे हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day)
पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण के वास्तविकता को बनाए रखना होगा। पूरे ब्रम्हांड में बस पृथ्वी पर ही जीवन है। वर्षों से प्रत्येक वर्ष 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए तथा साथ ही पर्यावरण स्वच्छता और सुरक्षा के लिए दुनिया भर में मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस समारोह के विषय को जानने के लिए, हमारे पर्यावरण को किस प्रकार सुरक्षित रखा जाये तथा हमारे उन सभी बुरी आदतों के बारे में जानने के लिए जिससे पर्यावरण को हानि पहुंचता है, हम सभी को इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए।
पर्यावरण सुरक्षा के उपाय (Method of Conservation of Environment)
धरती पर रहने वाले सभी व्यक्ति द्वारा उठाए गए छोटे कदमों के माध्यम से हम बहुत ही आसान तरीके से पर्यावरण को सुरक्षित कर सकते हैं। हमें अपशिष्ट की मात्रा में कमी करना चाहिए तथा अपशिष्ट पदार्थ को वही फेकना चाहिए जहां उसका स्थान है। प्लास्टिक बैंग का उपयोग नही करना चाहिए तथा कुछ पुराने चीजों को फेकने के बजाय नये तरीके से उनका उपयोग करना चाहिए।
निष्कर्ष
आईए देखें कि किस प्रकार हम पुराने चीजों को दुबारा उपयोग में ला सकते हैं- जिन्हें दुबारा चार्ज किया जा सकता है उन बैटरी या अक्षय क्षारीय बैटरी का उपयोग करें, प्रतिदीप्त प्रकाश का निर्माण कर, बारिस के पानी का संरक्षण कर, पानी की अपव्यय कम कर, ऊर्जा संरक्षण कर तथा बिजली की खपत कम करके, हम पर्यावरण के वास्तविकता को बनाए रखने के मुहिम की ओर एक कदम बढ़ा सकते है।
पर्यावरण पर निबंध (450 शब्द)
पर्यावरण, जिससे चारों तरफ से संपूर्ण ब्रहाण्ड और जीव जगत घिरा हुआ है। अर्थात जो हमारे चारों ओर है वही पर्यावरण है। पर्यावरण पर मनुष्य ही नहीं, बल्कि सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधे, प्राकृतिक वनस्पतियां आदि पूरी तरह निर्भर हैं।
पर्यावरण के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती हैं, क्योंकि पर्यावरण ही पृथ्वी पर एक मात्र जीवन के आस्तित्व का आधार है। पर्यावरण, हमें स्वस्थ जीवन जीने के लिए शुद्ध, जल, शुद्ध वायु, शुद्ध भोजन उपलब्ध करवाता है।
एक शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक स्वच्छ वातावरण बहुत जरूरी है लेकिन हमारे पर्यावरण मनुष्यों की कुछ लापरवाही के कारण दिन में गंदे हो रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे सभी को विशेष रूप से हमारे बच्चों के बारे में पता होना चाहिए।
“पर्यावरण की रक्षा, दुनियाँ की सुरक्षा!”
पर्यावरण न सिर्फ जीवन को विकसित और पोषित करने में मद्द करता है, बल्कि इसे नष्ट करने में भी मद्द करता है। पर्यावरण, जलवायु के संतुलन में मद्द करता है और मौसम चक्र को ठीक रखता है।
वहीं अगर सीधे तौर पर कहें मानव और पर्यावरण एक – दूसरे के पूरक हैं और दोनों एक-दूसरे पर पूरी तरह से निर्भर हैं। वहीं अगर किसी प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित कारणों की वजह से पर्यावरण प्रभावित होता है तो, इसका सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है।
पर्यावरण प्रदूषण की वजह से जलवायु और मौसम चक्र में परिवर्तन, मानव जीवन को कई रुप में प्रभावित करता है और तो और यह परिवर्तन मानव जीवन के आस्तित्व पर भी गहरा खतरा पैदा करता है।
लेकिन फिर भी आजकल लोग भौतिक सुखों की प्राप्ति और विकास करने की चाह में पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं। चंद लालच के चलते मनुष्य पेड़-पौधे काट रहा है, और प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर कई ऐसी प्रतिक्रियाएं कर रहा है, जिसका बुरा असर हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है।
वहीं अगर समय रहते पर्यावरण को बचाने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो मानव जीवन का आस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर उचित कदम उठाने चाहिए। हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए और पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह रोक लगानी चाहिए।
आधुनकि साधन जैसे वाहन आदि का इस्तेमाल सिर्फ जरूरत के समय ही इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुआं न सिर्फ पर्यावरण को दूषित कर रहा है, बल्कि मानव जीवन के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रहा है। इसके अलावा उद्योगों, कारखानों से निकलने वाले अवसाद और दूषित पदार्थों के निस्तारण की उचित व्यवस्था करनी चाहिए,ताकि प्रदूषण नहीं फैले।
वहीं अगर हम इन छोटी-छोटी बातों पर गौर करेंगे और पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाने में अपना सहयोग करेंगे तभी एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकेगा।
पर्यावरण पर निबंध (500 शब्द)
प्रस्तावना
सभी प्रकार के प्राकृतिक तत्व जो जीवन को सम्भव बनाते हैं वह पर्यावरण के अन्तर्गत आते हैं जैसे- पानी, हवा, भूमि, प्रकाश, आग, जंगल, जानवर, पेड़ इत्यादि। ऐसा माना जाता है की पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन है तथा जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए, पर्यावरण है।
पर्यावरण प्रदूषण का हमारे जीवन पर प्रभाव (Environment And Our Life)
पर्यावरण के अभाव में जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती तथा हमें भविष्य में जीवन को बचाये रखने के लिए पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा। यह पृथ्वी पर निवास करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की ज़िम्मेदारी है। हर व्यक्ति सामने आये तथा पर्यावरण संरक्षण के मुहिम का हिस्सा बने।
पृथ्वी पर विभिन्न चक्र है जो नियमित तौर पर पर्यावरण और जीवित चीजों के मध्य घटित होकर प्रकृति का संतुलन बनाये रखते हैं। जैसे ही यह चक्र विक्षुब्ध (Disturb) होता है पर्यावरण संतुलन भी उससे विक्षुब्ध होता है जो निश्चित रूप से मानव जीवन को प्रभावित करता है। हमारा पर्यावरण हमें पृथ्वी पर हजारों वर्ष तक पनपने तथा विकसित होने में मदद करता है, वैसे ही जैसे की मनुष्य को प्रकृति द्वारा बनाया गया पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान प्राणी माना जाता है, उन में ब्रम्हांड के तथ्यों को जानने की बहुत उत्सुकता होती है जो की उन्हें तकनीकी उन्नति की ओर अग्रसर करता है।
पर्यावरण का महत्व (Importance of Environment)
हम सभी के जीवन में इस तरह की तकनीक उत्पन्न हुई है, जो दिन प्रति दिन जीवन की संभावनाओं को खतरे में डाल रही है तथा पर्यावरण को नष्ट कर रही है। जिस तरह से प्राकृतिक हवा, पानी, और मिट्टी दुषित हो रहे हैं, ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह एक दिन हमें बहुत हानि पहुंच सकता है। यहाँ तक की इसने अपना बुरा प्रभाव मनुष्य, जानवर, पेड़ तथा अन्य जैविक प्राणी पर दिखाना शुरू भी कर दिया है। कृत्रिम रूप से तैयार खाद तथा हानिकारक रसायनों का उपयोग मिट्टी की उर्वरकता को नष्ट करता है, तथा हम जो रोज खाना खाते है उसके माध्यम से हमारे शरीर में एकत्र होता जाता है। औद्योगिक कम्पनीयों से निकलने वाला हानिकारक धुंआ हमारी प्राकृतिक हवा को दुषित करती है जिससे हमारा स्वास्थय प्रभावित होता है, क्योंकि हमेशा हम सांस के माध्यम से इसे ग्रहण करते हैं।
पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियाँ (Our responsibilities towards the environment)
प्रदूषण में वृद्धि, प्राकृतिक स्त्रोत में तेजी से कमी का मुख्य कारण है, इससे न केवल वन्यजीवों और पेड़ों को नुकसान हुआ है बल्की इनके द्वारा ईको सिस्टम को भी बाधित हुआ है। आधुनिक जीवन के इस व्यस्तता में हमें कुछ बुरे आदतों को बदलना आवश्यक है जो हम दैनिक जीवन में करते हैं। यह सत्य है कि नष्ट होते पर्यावरण के लिए हमारे द्वारा किया गया छोटा प्रयास बड़ा सकारात्मक बदलाव कर सकता है। हमें अपने स्वार्थ की पूर्ति तथा विनाशकारी कामनाओं के लिए प्राकृतिक संसाधनों का गलत उपयोग नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष
हमें इस बात का खयाल रखना चाहिए कि आधुनिक तकनीक, पारिस्थितिकीय संतुलन को भविष्य में कभी विक्षुब्ध न कर सके। समय आ चुका है कि हम प्राकृतिक संसाधनों का अपव्यय बंद करें और उनका विवेकपूर्ण तरह से उपयोग करें। हमें हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान तथा तकनीक को विकसित करना चाहिए पर हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए की यह वैज्ञानिक विकास भविष्य में पर्यावरण को किसी भी प्रकार से नुकसान न पहुचाए।
अंतिम शब्द
तो दोस्तों आज हमने पर्यावरण पर निबंध (Paryavaran Par Nibandh) के बारे में विस्तार से जाना हैं और मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को यह लेख पसंद आया होगा और आपके लिए हेल्पफुल भी होगा।
यदि आप को यह पोस्ट पसंद आई है तो इसे अपने सभी दोस्तों के साथ भी जरुर से शेयर करें। आर्टिकल को अंत तक पढने के लीयते आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद!
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