अपनी दोस्ती का बस इतना सा उसूल है, जब तू कुबूल है, तो तेरा सब कुछ कुबूल है।
जब दोस्ती सच्ची और मजबूत होती है, तो उसे जताने की ज़रूरत नही होती. चाहे दोस्त कितना भी दूर चला जाए, उसे पास लाने की ज़रूरत नही होती.
एक जैसे दोस्त सारे नहीं होते कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ कौन कहता है तारे जमीन पर नहीं होते।
दोस्ती से बड़ी इबादत क्या होगी, रिश्तों से बड़ी चाहत क्या होगी. जिसे दोस्त मिल जाए आप जैसा, उसे ज़िन्दगी से शिकायत क्या होगी.
यारों की यारी भी खिचड़ी से कम नहीं स्वाद भले ही न रहे पर कमबख्त भूख मिटा देती है।
यह तो वह शुगर फ्री मिठाई है, जो दोस्तों की जिदगी में मिठास घोलती है.
सच्चे दोस्त हमें कभी भी गिरने नहीं देते, न तो किसी के पैरों में और न ही किसी की नज़रों में.
बेवजह है तभी तो दोस्ती है यार वजह होती तो व्यापार होता।