पतंजलि कान की दवा : Patanjali Kaan Ki Dawa

पतंजलि कान की दवा: वैसे तो आपने कोई भी कान की दवा का इस्तेमाल किया होगा, लेकिन आप जानते हैं, कान और शरीर के लिए इस तरह किसी भी दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह हानिकारक होती है। वैसे तो हर कोई कान के लिए ऐसी ही दवा का इस्तेमाल करना चाहेगा जो फायदेमंद भी हो और साथ ही साथ कोई नुकसान भी न करे।

तो आइए आज हम आपको एक ऐसी दवा के बारे में बताते हैं, जो कान से जुड़े सभी रोगों को ठीक करती है और आपके कान को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है। यह दवा पतंजलि द्वारा निर्मित है, जो कान के रोगों को ठीक करती है। जिसकी डिटेल हम आपको विस्तार से बताएंगे।

पतंजलि कान की दवा: Patanjali Kaan Ki Dawa
पतंजलि कान की दवा: Patanjali Kaan Ki Dawa

पतंजलि अपने सभी उत्पादों को आयुर्वेदिक सामग्री से बनाती है, इसी तरह पतंजलि कान की दवा (Patanjali Kaan Ki Dawa) भी आयुर्वेदिक और प्राकृतिक सामग्री से तैयार की जाती है। पतंजलि कान की दवा आपके कान के सभी रोगों को जल्द से जल्द ठीक कर देती है.

अब आप दवा के बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें और इस लेख में आपको कान से जुड़ी चीजों के बारे में भी पता चलेगा।

पतंजलि कान की दवा: Patanjali Kaan Ki Dawa

पतंजलि कान की दवा का नाम DIVYA SARIVADI VATI है. सारिवादी वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो कान के रोग, सांस फूलना, नपुंसकता, पुराना बुखार, मिर्गी, बवासीर में लाभकारी है। इस वटी का प्रयोग ज्यादातर कान के रोगों में किया जाता है। पतंजलि की यह औषधि कान के रोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है।

Divya Sarivadi Vati (160 Tablets)

  • कान के उपचार के लिए परफेक्ट
  • मधुमेह के रोग में भी उत्तम है
  • सांस संबंधी समस्याओं को भी दूर करे
  • बुखार में भी काम आती है
  • मिर्गी के इलाज में भी उपयोग किया जाता है।
  • यह दवा शराब की लत से भी छुटकारा दिलाती है।

पतंजलि कान की दवा में उपस्थित सामग्री

  • Sweet Sativa: यह एक तरह की पत्तियां होती है, जो मधुमेह, दिल के रोग कान के रोग आदि में प्रयोग की जाती है।
  • Mulethi: यह कान के दर्द, नाक के दर्द और साथ ही आंख के लालपन को ठीक करता है।
  • Pushkar mool: यह कान के दर्द से छुटकारा पाने में उपयोग की जाती है।
  • Dalchini: यह एक तरह की ओषधि है, जिसका प्रयोग कान के बहरेपन,दर्द आदि को ठीक करता है।
  • Laghu Elaichi: यह फेफड़ों के लिए,ब्लड प्रेसर, ओर साथ ही गले और कान के लिए उपयोग किया जाता है।
  • Tejpatra: यह एक प्रकार का मसाला है, जिसका प्रयोग पेट दर्द, पाचन के लिए व कान के लिए भी उपयोगी है।
  • Nagkeshar: यह हिचकी ,सर्दी जुखाम और कान गले के रोग को ठीक करता है।
  • Priyangu Phool: यह एक तरह की ओषधि है, जो पेट दर्द की समस्या ओर साथ ही दांत ओर कान के रोग में उपयोग की जाती है।
  • Nilophar: यह रस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, यह खून को साफ करने में मदद करता है। शरीर से गर्मी कम करता है। दिल, दिमाग, लिवर संबंधी तकलीफ में राहत देताहै, और कान के दर्द में भी उपयोगी होता है।
  • Giloy: यह कान के लिए चमत्कारी है, यह कान को साफ और कान के रोग को ठीक करता है।
  • Lavang: लौंग के रस का प्रयोग कान, दांत आदि के दर्द में लाभदायक होता है।
  • Harad: यह एक तरह के बीज की तरह होता है, जिसका फायदा कान, सर्दी जुखाम में किया जाता है।
  • Amla: यह फल हर चीजों के लिए फायदेमंद होती है, इसका रस कान के लिए काफी अच्छा माना जाता है। 
  • Baheda: यह एक प्रकार का पेड़ होता है, जिसके छाल का प्रयोग कर शरीर के रोग को ठीक करते है, जैसे दिल के रोग ,कान के रोग आदि।
  • Abhrak Bhasma: यह एक तरह का चूर्ण जैसा होता है, जो एक तरह का मिनरल है,जिसके प्रयोग से शरीर के रोग ठीक होते है, और कान के भी ।
  • Lauh Bhasma: यह एनीमिया की समस्या को दूर करता है,ओर साथ ही कान के दर्द ओर इंफेक्शन में उपयोगी मानी जाती है ।
  • Arjun Kwath: यह अर्जुन के पेड़ की छाल होती है, जो  बीमारियों में उपयोग होती है, जैसे  टीबी की बीमारी के अलावा कान दर्द, सूजन, बुखार के उपचार के लिए किया जाता है।
  • Jav Kwath: यह रस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जो शरीर के लिए अच्छा होता है, और कान गले के लिए भी लाभकारी होता है ।
  • Makoy Juice: यह एक तरह का फल होता है, यह कान, नाक के दर्द में काफी फायदेमंद है ।
  • Gunja Jad Juice: यह एक तरह का बीज होता है, यह दस्त,कान के दर्द में लाभकारी है।
  • Bhringraj Swaras: यह एक तरह का फूल है, जिसका प्रयोग कान के दर्द में किया जाता है।

पतंजलि कान की दवा के फायदे और नुकसान

Pros

  • यह एक अच्छी औषधि है, जिसका उपयोग कान के उपचार में किया जाता है, कान का परदा फट जाए या दर्द हो तो भी यह लाभकारी होता है।
  • मधुमेह के रोग में भी यह औषधि उत्तम है, इसके रोग को दूर करती है।
  • सांस संबंधी समस्याओं में भी यह दवा फायदेमंद होती है, इसका इस्तेमाल सांस संबंधी हर बीमारी में सुरक्षित होता है।
  • यह दवा बुखार में भी काम आती है
  • इस दवा का उपयोग मिर्गी के इलाज में भी किया जाता है।
  • यह दवा शराब की लत से भी छुटकारा दिलाती है।

Cons

  • दो साल से कम उम्र के बच्चे को यह दवा न दें।
  • गर्भवती महिलाओं को इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • अगर आपको कोई बीमारी है तो इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

पतंजलि कान की दवा का सेवन कैसे करें?

इस दवा को खाने के कुछ समय बाद आप 1 गोली लें और इसे दूध या पानी के साथ लें। लेकिन इस दवा को लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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कान में संक्रमण कैसे होता है?

कान में संक्रमण होने का कारण यह है कि जब कान के अंदरूनी हिस्से में दर्द होता है। जो तैरने, हेडफोन लगाने, रुई या उंगली डालने के बाद कान के बाहरी हिस्से में संक्रमण का कारण बनता है।

जिससे कान के अंदर की त्वचा छिल जाती है या पानी की कमी के कारण कान में बैक्टीरिया भी हो जाते हैं जो बाद में संक्रमण का रूप ले लेते हैं। और जिससे कान के बीचोंबीच में संक्रमण हो जाता है जिससे कान में संक्रमण हो जाता है। तो इस तरह कान में इंफेक्शन हो जाता है।

कान के संक्रमण के लक्षण?

कान में संक्रमण के लक्षण हैं:-

  • कान के आसपास दर्द होता है।
  • बुखार भी संक्रमण के कारण होता है।
  • कान से सुनना कम हो जाता है, आवाज कम हो जाती है।
  • जलने और घंटी बजने जैसी आवाज होती है।
  • सिरदर्द, कभी-कभी नाक भी बंद हो जाती है।
  • कान से तरल जैसी चीज निकलती है।
  • कान में सूजन
  • उलटी होना
  • कभी-कभी खून बह रहा है।

कान सम्बंधित कौन सी समस्याएं होती है?

कान दर्द के अलावा और भी कई रोग होते हैं, जैसे: कान में फाइब्रोसिस (फोड़ा) कान में अधिक दर्द देता है, यह मवाद के रूप में होता है।

ओटिटिस मीडिया, बहरापन, यह बार-बार होने वाली सर्दी के कारण होता है, कान में मैल भी एक तरह का रोग है, जिसका ध्यान न रखने पर दर्द होता है।

कान, नाक और गले की समस्याओं में क्या सम्बन्ध है?

कान, नाक और गले की समस्याओं के बीच संबंध यह है कि शरीर के ये सभी अंग एक दूसरे से जुड़े होते हैं, और इनमें से किसी भी हिस्से में अगर कोई संक्रमण या समस्या है, तो यह तीनों को प्रभावित करता है। गले में खराश, नाक बंद और सर्दी, खांसी आदि होने पर आप इसे देख सकते हैं।

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कान में दर्द होने के कारण क्या है?

कान में दर्द होने का कोई एक कारण नहीं होता, यह कई कारणों से हो सकता है:-

  • ऐसा तब होता है जब जबड़े में सूजन आ जाती है, क्योंकि हमारी आंख, नाक और कान की नसें आपस में जुड़ जाती हैं। साथ ही कान में फुंसी हो जाती है और कोई बाहरी वस्तु या कीट कान में चला जाए तो कान में दर्द होता है।
  • कान को बारीक, पतली वस्तु से खुजाने से कान में दर्द हो सकता है।
  • ज्यादा देर तक ठंडे रहने से भी कान में दर्द होने लगता है।
  • कान में दर्द का कारण कान का परदा फटने या छिद्रित होने पर भी होता है।
  • पानी या साबुन कान में जाने से कान के अंदर वैक्स जमा हो जाता है, जिससे कान में दर्द होता है।
  • कान के अंदर संक्रमण भी दर्द का कारण है।

ईयर बैरोट्रॉमा यह कान में दर्द है जो स्काइडाइविंग, स्कूबा डाइविंग या हवाई जहाज की उड़ानों के दौरान होता है, जैसे कि जब विमान लैंडिंग के लिए उड़ान भरता है। वायुमंडलीय दबाव और कान के दबाव के बीच का अंतर मध्य कान में एक निर्वात पैदा करता है। स्क्रीन पर दबाव डालता है, जिससे कान में दर्द होता है।

कान के दर्द का इलाज 

  • प्याज का रस कान के दर्द में फायदेमंद होता है जिससे दर्द जल्दी ही कम हो जाता है।
  • जैतून का तेल भी है फायदेमंद, इस तेल को हल्का गुनगुना कर लें और फिर इसका इस्तेमाल करने से आराम मिलता है।
  • इसी तरह अदरक जो आयुर्वेदिक है जिसका रस कान की सूजन के दर्द से राहत देता है। और कान के संक्रमण में इसका प्रयोग अधिक लाभकारी होता है।
  • तुलसी के पत्तों को पीसकर उसका रस निकालकर कान में लगाने से कान का दर्द जल्दी ठीक हो जाता है।
  • लहसुन कान के दर्द में भी फायदेमंद होता है जिसे आप 10-12 काली मिर्च लेकर पीस लें और तिल के तेल में गर्म करके छान लें और फिर इसका इस्तेमाल करें।
  • नीम के पत्ते कान के लिए भी अच्छे होते हैं, इसमें जीवाणुरोधी तत्व होते हैं, जो कान के दर्द के साथ होने वाले संक्रमण को भी ठीक करते हैं। इसके पत्तों को पीसकर रस बना कर कान में डालने से कान की समस्या दूर हो जाती है।

घरेलु नुस्खे

  • अदरक के सेवन से कान का दर्द दूर होता है, अदरक के रस को जैतून के तेल में मिलाकर लगाने से कान में आराम मिलता है।
  • तुलसी का रस कान के दर्द में आराम देता है, 2-3 दिन तक इसका प्रयोग करने से दर्द कम हो जाता है और कान के दर्द में आराम मिलता है।
  • नीम की पत्तियां कान का दर्द कम करती हैं।
  • अजवाई और सरसों के तेल का मिश्रण लगाने से कान का दर्द दूर होता है।

योग

  • भ्रामरी प्राणायाम – कान के लिए प्राणायाम
  • मत्स्यासन मछली की स्थिति में किया जाता है।
  • शून्य मुद्रा योग
  • साँस लेने के व्यायाम
  • ताड़ासन

इन बातो का रखें ध्यान

कान में दर्द होने पर इन बातों का ध्यान रखना जरूरी:-

  • सिगरेट की खपत कम करें।
  • कान में किसी भी प्रकार का उपकरण न लगाएं, पिन, नुकीली चीज का प्रयोग बिल्कुल न करें।
  • तैरने के बाद कान सुखाएं, धूल और एलर्जी से बचें।
  • समय-समय पर कान को साफ करते रहें।
  • बिना डॉक्टर की अनुमति के कान की कोई भी दवा न लें।
  • साथ ही अपने खान-पान का भी ध्यान रखें।
  • ईयरफोन और हेडफोन का कम इस्तेमाल करें।

पतंजलि कान की दवा के अन्य विकल्प

दावा के नामविशेषतायेंअभी ख़रीदे
Baidyanath Bilva Oil (25ml) 2Xयह दवा कान  के दर्द को ठीक करने के साथ साथ इंफेक्शन और सुनने के समस्या को भी ठीक करता है।अभी ख़रीदे
Sri Nanak Pharmacy Kanmula Ear Dropsयह दवा कान के कई रोग ठीक करती है,जैसे कान की सूजन, चोट, खुजली, दर्द आदि।अभी ख़रीदे
Allen Otovin Ear Drops (15 ml)कान में ब्लॉकेज होना, ज़्यादा गन्दगी, इंफेक्शन, दर्द और जलन को ठीक करता है।अभी ख़रीदे
Baidyanath Jhansi Kshar Tail (25ml) 2Xइंफेक्शन,कान के दर्द को आदि ठीक करता है।अभी ख़रीदे
Ear Liege – Ayurvedic Ear Careयह दवा कान के रोग को ठीक करता है।अभी ख़रीदे

Doctor से कब मिलें

डॉक्टर के पास जाएं, जब आपके कान का दर्द दूर न हो और घरेलू उपाय करने से भी आराम न मिले तो डॉक्टर से संपर्क करें।

Disclaimer : यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए हैं। यहाँ पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। चिकित्सा परीक्षण और उपचार के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। HindiQueries.Com इस जानकारी की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

Conclusion

मैं उम्मीद करता हूँ कि अब आप लोगों को पतंजलि कान की दवा (Patanjali Kaan Ki Dawa) से जुड़ी सभी जानकरियों के बारें में पता चल गया होगा। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के जरूर share करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!

सुधांशु HindiQueries के संस्थापक और सह-संस्थापक हैं। वह पेशे से एक वेब डिज़ाइनर हैं और साथ ही एक उत्साही ब्लॉगर भी हैं जो हमेशा ही आपको सरल शब्दों में बेहतर जानकारी प्रदान करने के प्रयास में रहते हैं।

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