कछुआ और खरगोश की कहानी | Khargosh Aur Kachhua Ki Kahani

नमस्कार दोस्तों! आज मैं आप के लिए लेकर आया हूँ कछुआ और खरगोश की कहानी (Khargosh Aur Kachhua Ki Kahani), जिसे पढ़ कर आप को जरुर से आनंद आएगा और कुछ नया सिखने को भी मिलगे।

तो चलिए शुरू करते हैं।

कछुआ और खरगोश की कहानी (Khargosh Aur Kachhua Ki Kahani)

कछुआ और खरगोश की कहानी | Khargosh Aur Kachhua Ki Kahani
कछुआ और खरगोश की कहानी | Khargosh Aur Kachhua Ki Kahani

एक बार की बात है, घने जंगल में एक खरगोश रहता था, जिसे अपने तेज दौड़ने पर बहुत घमंड था। वह जंगल में जिसे भी देखता, उसी को अपने साथ चलने की चुनौती देता था। वह हमेशा अन्य जानवरों के बीच अपनी प्रशंसा करता था और कभी-कभी दूसरों का मजाक उड़ाता था।

एक बार उसने एक कछुए को देखा, उसकी धीमी गति को देखकर खरगोश ने कछुए को दौड़ के लिए ललकारा। कछुए ने खरगोश की चुनौती स्वीकार की और दौड़ने के लिए तैयार हो गया।

जंगल के सारे जानवर कछुए और खरगोश की दौड़ देखने के लिए जमा हो गए। दौड़ शुरू हुई और खरगोश तेजी से दौड़ने लगा और कछुआ अपनी धीमी गति से चलने लगा। कुछ दूर पहुंचने के बाद जब खरगोश ने पीछे मुड़कर देखा तो उसे कछुआ कहीं नजर नहीं आया। खरगोश ने सोचा, कछुआ बहुत धीमी गति से चल रहा है और यहां तक ​​पहुंचने में काफी समय लगेगा, क्यों न कुछ देर आराम कर लिया जाए। यह सोचकर वह एक वृक्ष के नीचे विश्राम करने लगा।

पेड़ के नीचे आराम करते-करते उसकी नजर कब पड़ गई उसे पता भी नहीं चला। दूसरी ओर, कछुआ धीरे-धीरे और बिना रुके लक्ष्य तक पहुँच गया। उसकी जीत देखकर बाकी जानवर ताली बजाने लगे। तालियों की गड़गड़ाहट सुनकर खरगोश जाग गया और जीतने वाली लाइन की ओर दौड़ा, लेकिन कछुआ पहले ही जीत चुका था और खरगोश पछताता रहा।


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कछुआ और खरगोश की कहानी इन इंग्लिश (Khargosh Aur Kachhua Ki Kahani In English)

Once upon a time, there lived a rabbit in a dense forest, who was very proud of his fast running. Whoever he saw in the forest, he used to challenge him to walk with him. He always praised himself among other animals and sometimes made fun of others.

Once he saw a tortoise, seeing its slowness, the hare challenged the tortoise to race. The tortoise accepted the hare’s challenge and got ready to run.

All the animals of the forest gathered to watch the race between the tortoise and the hare. The race started and the hare started running fast and the tortoise started at its slow pace. After reaching some distance, when the rabbit looked back, he did not see the tortoise anywhere. The hare thought, the tortoise is moving very slowly and it will take a long time to reach here, why not rest for a while. Thinking of this, he started resting under a tree.

While resting under the tree, he didn’t even know when his eyes fell. On the other hand, the tortoise reached the target slowly and without stopping. Seeing his victory, the rest of the animals started clapping. Hearing thunderous applause, the Hare woke up and ran towards the winning line, but the Tortoise had already won and the Hare kept repenting.


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अंतिम शब्द

तो दोस्तों, इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की जो धैर्य और मेहनत से काम करता है उसकी जीत पक्की होती है और जिसे खुद पर या अपने काम पर घमंड होता है उसका घमंड कभी न कभी टूटता ही है।

मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको कछुआ और खरगोश की कहानी (Khargosh Aur Kachhua Ki Kahani) पसंद आई होगी। यह लेख आप लोगों को कैसा लगा हमें कमेंट्स बॉक्स में कमेंट्स लिखकर जरूर बतायें। साथ ही इस लेख को दूसरों के साथ भी जरूर शेयर करें जो लोग कछुआ और खरगोश की कहानी के बारे में जानना चाहतें हैं, ताकि सबको इसके बारे में पता चल सके। धन्यवाद!

सुधांशु HindiQueries के संस्थापक और सह-संस्थापक हैं। वह पेशे से एक वेब डिज़ाइनर हैं और साथ ही एक उत्साही ब्लॉगर भी हैं जो हमेशा ही आपको सरल शब्दों में बेहतर जानकारी प्रदान करने के प्रयास में रहते हैं।

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