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गोत्र शब्द का परिचय
गोत्र शब्द अकारांत नपुंसकलिंग संज्ञा शब्द है। सभी नपुंसकलिंग संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनायें जाते हैं, जैसे- क्षेत्र, ऋण, उपवन, नगर, गृह, पुष्प, पत्र, कमल, बल, पुस्तक, दुग्ध, मित्र, मुख, नक्षत्र, फल, ज्ञान, धन, जल, अन्न, हृदय, वन, कमल, कुल, कार्य, काल, कोमल, कौशल।
गोत्र शब्द रूप (Gotra Shabd Roop in Sanskrit)
गोत्र शब्द के रूप विभक्ति में एवं तीनों वचनों में नीचे दिये गये हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | गोत्रम् | गोत्रे | गोत्राणि |
द्वितीया | गोत्रम् | गोत्रे | गोत्राणि |
तृतीया | गोत्रेण | गोत्राभ्याम् | गोत्रैः |
चतुर्थी | गोत्राय | गोत्राभ्याम् | गोत्रेभ्यः |
पंचमी | गोत्रात् / गोत्राद् | गोत्राभ्याम् | गोत्रेभ्यः |
षष्ठी | गोत्रस्य | गोत्रयोः | गोत्राणाम् |
सप्तमी | गोत्रे | गोत्रयोः | गोत्रेषु |
सम्बोधन | हे गोत्र! | हे गोत्रे! | हे गोत्राणि! |
अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप
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